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व्यक्ति वृद्ध अथवा मुक्त अपने मन:स्थिति के द्वारा होता है

गया। ज्ञान वैराग्य संपन्न भक्ति के द्वारा भगवान श्रीमन्ननारायण की समचर्चा करने से भगवान का मुखोल

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 07:26 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 07:26 PM (IST)
व्यक्ति वृद्ध अथवा मुक्त अपने मन:स्थिति के द्वारा होता है
व्यक्ति वृद्ध अथवा मुक्त अपने मन:स्थिति के द्वारा होता है

गया। ज्ञान वैराग्य संपन्न भक्ति के द्वारा भगवान श्रीमन्ननारायण की समचर्चा करने से भगवान का मुखोल्लास होता है। उक्त बातें प्रखंड के जलालपुर में चल रहे श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन शुक्रवार को कथाचार्य स्वामी रंगनाथाचार्य ने प्रवचन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि व्यक्ति वृद्ध अथवा मुक्त अपने मन:स्थिति के द्वारा होता है। मन के द्वारा होने वाले विविध संकरणों-विकरनों की चर्चा की गई। प्रवचन के दौरान भागवत पुराण के कई प्रसंगों को सुनाया।

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इस अवसर पर दरभंगा से आए डॉ. अरविन्द शर्मा ने अपने कथावाचन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर आयोजित वाद्ययंत्र के साथ आरती में श्रद्धालु झूमते रहे। आयोजन में मुख्य श्रोता के रूप में गांव के शिव सिंह दंपती के साथ राकेश कुमार, रवि चमन, विकास कुमार सहित अन्य लोगों का सरहानीय सहयोग मिल रहा है।


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