Move to Jagran APP

शौचालय तो तीन वर्ष पहले ही बनवा लिए सर, पैसे के लिए तब से लगा रहे हैं चक्‍कर, कोई सुनता ही नहीं

कैमूर के चैनपुर प्रखंड निवासी एक लाभार्थी को शौचालय की प्रोत्साहन राशि के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है। वह भी एक-दो दिन और महीना नहीं पूरे तीन साल से। इसके पीछे एक ही नाम के दो व्‍यक्ति का होना है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 09:01 AM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 09:01 AM (IST)
शौचालय तो तीन वर्ष पहले ही बनवा लिए सर, पैसे के लिए तब से लगा रहे हैं चक्‍कर, कोई सुनता ही नहीं
प्रोत्‍साहन राशि का आवेदन दिखाते रामजी राम। जागरण

संवाद सूत्र, चैनपुर(कैमूर)। प्रखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत नंदगांव के ग्राम गांगुडीह निवासी रामजी राम तीन वर्ष से अधिक समय से प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। वे शौचालय निर्माण के बाद मिलने वाली प्रोत्साहन राशि देने की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन इतने दिनों में भी उन्‍हें पैसे नहीं मिले हैं। वे कार्यालय का चक्‍कर लगाकर थक गए हैं। इसके पीछे कार्यालय कर्मी की गलती सामने आ रही है।

loksabha election banner

कर्ज लेकर कराया था शौचालय निर्माण

नंदगांव पंचायत के गांगूडीह निवासी रामजी राम ने बताया कि कर्ज लेकर अपने घर में शौचालय का निर्माण करवाया था। कहा गया कि प्रोत्‍साहन राशि के रूप में 12 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसको लेकर प्रखंड के स्वच्छता कार्यालय में जरूरी कागजात भी जमा कर दिया। लेकिन लंबा समय बीत गया। पैसे नहीं आए। तब प्रखंड कार्यालयपहुंचे। वहां पता चला कि पैसे उनकी जगह दूसरे के खाते में भेज दिए गए हैं। जिस व्यक्ति के खाते में राशि गई है उससे इसकी रिकवरी की जाएगी तब उन्‍हें भुगतान किया जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उसके बाद से वे लगातार कार्यालय का चक्‍कर लगा रहे हैं। अब तो देखते ही देखते तीन वर्ष बीत गए हैं। रामजी राम का कहना है कि जिनसे कर्ज लिया था वे बार-बार पैसे का तगादा करते हैं। इस कारण जीना मुहाल हो गया है। 

दो नाम के एक ही व्‍यक्ति बस पिता के नाम में अंतर

जब इस संबंध में ब्लॉक कोऑर्डिनेटर भगवान उपाध्याय से बात की तो उन्‍होंने बताया कि उस गांव में रामजी राम नाम के दो व्‍यक्ति हैं। सिर्फ पिता के नाम में अंतर है। मामला तीन वर्ष पहले का है। उस समय जियो टैगिंग नहीं की जाती थी। सिर्फ स्थल निरीक्षण करके पैसे का भुगतान किया जाता था। उस आधार पर बैंक खाते में प्रोत्साहन राशि डालने के दौरान यह गलती हुई। इसकी रिकवरी के लिए चार माह पहले चैनपुर थाने में आवेदन दिया गया था। जिस व्‍यक्ति के खाते में पैसे गए उसे बुलाकर पूछताछ की गई तो उसने कहा कि पैसे खर्च हो गए। उसने कुछ समय मांगा था। लेकिन अब तक भुगतान नहीं किया है। दोबारा से उस व्यक्ति से संपर्क करके रिकवरी की जाएगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.