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दूसरे दिन भी श्मशान घाट पर नहीं खुली कफन व लकड़ी की दुकानें

- फोटो - 01 -अंतिम संस्कार में परेशानी दुकानदारों ने हत्या के विरोध में किया प्रदर्शन आज शव नहीं जलाने देने की दी चेतावनी - अनुज की हत्या से पहले एक सप्ताह तक श्मशान घाट पर होती रही फायरिग -अपराधियों पर शिकंजा कसने के बजाय विष्णुपद थाने की पुलिस मूकदर्शक --------------- जागरण संवाददाता गया

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 08:00 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 08:00 PM (IST)
दूसरे दिन भी श्मशान घाट पर नहीं खुली कफन व लकड़ी की दुकानें
दूसरे दिन भी श्मशान घाट पर नहीं खुली कफन व लकड़ी की दुकानें

गया । अनुज हत्याकांड के विरोध में दूसरे दिन बुधवार को भी विष्णुपद श्मशान घाट पर कफन और लकड़ी की दुकानें नहीं खुलीं। इसके कारण अंत्येष्टि करने में परेशानी हो रही है। दुकानदारों ने श्मशान घाट के मुख्यद्वार पर आगजनी एवं विरोध प्रदर्शन किया। बार-बार हत्या में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। आक्रोशित दुकानदारों ने कहा कि गुरुवार से श्मशान घाट पर हत्यारे की गिरफ्तारी तक अत्येष्टि बंद करा देंगे। श्मशान घाट पर हमेशा वर्चस्व बनाने को लेकर गोलीबारी होती रहती है। विष्णुपद थाने की पुलिस तमाशबीन बनी रहती है। परिणाम अपराधियों का मनोबल बढ़ रहा है। श्मशान घाट पर सबसे बड़ा विवाद लकड़ी बचने को लेकर हो रहा है। अवैध रूप से चल रही लकड़ी की दुकानों को पुलिस प्रशासन बंद कर देती है मामला समाप्त हो सकता है।

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हत्या के पूर्व एक सप्ताह

तक होती रही थी फायरिग

अनुज सिंह की हत्या के पहले अपराधियों ने श्मशान घाट पर एक सप्ताह तक फायरिग की गई थी। श्मशान घाट पर स्थित डोमराजा हीरा राम ने कहा कि अनुज की हत्या के पहले अपराधियों द्वारा लगातार फायरिग की जा रही थी। इसकी सूचना पुलिस को भी दी गई थी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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अपराधियों ने काट दिए

हैं सीसी कैमरे के तार

सुरक्षा को लेकर श्मशान घाट पर नगर निगम द्वारा चार सीसी कैमरे लगाए गए थे। अपराधियों ने एक पखवारे पहले ही सभी के तार काट दिए थे। इसके कारण कैमरे बंद पड़े हैं। दुकानदारों का कहना है कि श्मशान घाट पर हमेशा शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है। अपराध को अंजाम देने के लिए सीसी कैमरे के तार काट दिए थे। इसकी सूचना सिटी डीएसपी को दी गई थी। फिर भी कैमरे को चालू नहीं किया गया।

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सिर्फ छह दुकानों को अनुमति

श्मशान घाट पर हमेशा लकड़ी बचने को लेकर गोलीबारी होती रहती है। इसका मुख्य कारण वन विभाग की अनुमति के बिना लकड़ी की दुकानें का खुलना और बेचना है। जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिषेक कुमार ने कहा कि श्मशान घाट पर छह लोगों को लकड़ी बचने की अनुमति मिली है। बाकी सभी दुकानों अवैध रूप से चल रही हैं। श्मशान घाट पर 20 लकड़ी की दुकानों हैं।

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सिर्फ एक दुकान खुली

श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए सिर्फ एक लकड़ी और कफन की दुकान खुली है। वहां सुबह से शाम तक भीड़ लगी रही। शव के दाह-संस्कार करने को लेकर माड़नपुर बाइपास से आए दिलीप कुमार यादव ने कहा कि कपड़े तो कहीं भी शहर मिल जाते हैं, लेकिन कफन नहीं। लकड़ी भी बाजार से लाना पड़ा। वहीं, वजीरगंज से आए शंभू प्रसाद ने कहा कि शव के अंतिम संस्कार करने में काफी परेशानी हो रही है। लकड़ी और कफन की दुकानें बंद हैं।


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