माधुरी दीक्षित के साथ काम कर चुके शिशुपाल अब भोजपुरी फिल्म 'साइको पिया' में दिखाएंगे जलवा
नवादा जिले के रहने वाले शिशुपाल भारती जल्द ही भोजपुरी फिल्म साइको पिया में लीड रोल में नजर आएंगे। इस फिल्म का मुहूर्त बीते दिनों दिल्ली में किया गया। शिशुपाल प्रसिद्ध अभिनेत्री माधुरी दीक्षित के साथ भी काम कर चुके हैं।
अविनाश निराला, रोह (नवादा)। बॉलीवुड फिल्मों (Bollywood Films) की प्रसिद्ध अभिनेत्री (Famous Actress) माधुरी दीक्षित के साथ अभिनय कर चुके शिशुपाल अब साइको पिया बनेंगे। वे इस भोजपुरी फिल्म में मुख्य भूमिका निभाएंगे। रोह निवासी अशोक कुमार वर्मा के पुत्र शिशुपाल भारती की इस फिल्म का मुहूर्त दिल्ली के साकेत स्थित द डिवाइन क्लब में हुआ। जल्द ही फिल्म की शूटिंग शुरू की जाएगी।
कृषि की पढ़ाई के बाद अभिनय में बना रहे मुकाम
एग्रीकल्चर की पढ़ाई करने वाले शिशुपाल का झुकाव बचपन ही संगीत और कला के प्रति था। वह स्कूलों के सांस्कृतिक व नाटक में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया करता था। पिता की इच्छा थी कि बेटा पढ़-लिखकर बड़ा अधिकारी बने लेकिन बेटे की चाहत के आगे उन्होंने भी अपनी सहमति दे दी। कृषि से स्नातक होने के बाद शिशुपाल पूरी तरह से अभिनय की दुनिया में रच-बस गया। इस क्रम में कई हिंदी व भोजपुरी फिल्मों में अभिनय किया। भोजपुरी फिल्म सुल्तान मिर्जा, गुंडा, एलबम ख्वाब तथा माधुरी दीक्षित की फ़िल्म रोमी में काम किया। रोमी के कुछ भाग की शूटिंग राजगीर में भी हुई है। परंतु अभी रिलीज नहीं हो हुई है। अब एनबीएस प्रोडक्शन के बैनर तले बनने वाली फिल्म साइको पिया में बतौट हीरो अभिनय करेंगे। इस फिल्म में अभिनेत्री की भूमिका में आकांक्षा दुबे कर रही हैं। लोविस आर्य ने निर्देशन में बनने वाला यह फ़िल्म सस्पेंस थ्रिलर है।
पढ़-लिखकर नौकरी ही जरूरी नहीं, अन्य क्षेत्र भी हैं करियर के लिए
शिशुपाल भारती के पिता कहते हैं कि एग्रीकल्चर की पढ़ाई के लिए इलाहाबाद भेजा था। लेकिन एक्टिंग उसमें रच-बस गया था। ट्यूशन के लिए जो पैसा देता था। उस पैसे से वह अभिनय की बारीकियां सीख रहा था। इसके बाद यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली भेजा। वहां भी उसे मन नहीं लगा। अंततः उसकी जिद के आगे अभिनय की दुनियां में जाने की सहमति दे दी। शिशुपाल कहते हैं कि जरूरी नहीं कि पढ़-लिख कर सिर्फ नौकरी ही तलाशी जाए। अन्य क्षेत्र भी हैं। उधर भी भाग्य आजमा सकते हैं। जिधर समर्पण हो उधर अपना ध्यान लगाएं तो मुकाम हासिल किया जा सकता है। अभिभावकों को भी चाहिए कि अपने बच्चे की इच्छा का सम्मान करें।