फल सब्जी का अंतरराज्यीय बाजार बना शेरघाटी
संवाद सहयोगी, शेरघाटी : राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 के पास के क्षेत्रों का तेजी से विकास हुआ ह
संवाद सहयोगी, शेरघाटी : राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 के पास के क्षेत्रों का तेजी से विकास हुआ है। वर्ष 2007 में फोरलेन बनने के बाद दो-तीन वर्ष तक बाजार मोड़ के समीप झारखंड के राची चतरा आदि स्थानों से केवल सब्जी लाकर थोक में मो. जहागीर व एक दो अन्य व्यापारी बेचते थे। उसके बाद आलू के बीज की बिक्री शुरु हुई । जहागीर बताते हैं, विगत पांच वर्षो में फल व सब्जी मंडी का तेजी से विकास हुआ। इस क्षेत्र में कई व्यावसायियों के आने से इसका दायरा बढ़ा। एनएच पर होने के कारण अब दूर-दूर से खुदरा व्यापारियों का आना शुरु हो गया है। ये पहले फल-सब्जी के लिए गया केदारनाथ मंडी का रुख किया करते थे। अब वे सीधे शेरघाटी पहुंचने लगे हैं। थोक व्यापारियों को भी एनएच से माल मंगाने और भेजने में कोई परेशानी नहीं होती है। एनएच के किनारे ही थोक माल उतरता है, तथा सारा कारोबार होता है।
इस व्यवसाय से एक वर्ष से जुड़े लाला सिंह, गुगुन सिंह बताते हैं, पहले अनुमंडल क्षेत्र के लोगों को शादी-विवाह व अन्य उत्सव पर गया या पटना शहर का रुख करना पड़ता था। अब शेरघाटी में ही उपलब्ध है। वह भी सस्ते मूल्य पर।
युवा व्यवसायी प्रदीप कहते हैं, यहा नियमित दर्जनों ट्रक फल-सब्जी पहुंच रहे हैं। स्थानीय लोगों में भी खुशी है कि बाजार व्यापक होने से सैकड़ों लोगों को रोजगार मिला है। सुबह में फुटपाथ पर सैकड़ों दुकानदार क्रेडिट पर माल उठाते हैं और बेचने के बाद शाम को भुगतान करते हैं। इस बाजार की व्यापकता ने शहर के सैकड़ों गरीबों के घर में खुशहाली लाया है।
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कहा-कहा जाता है माल
व्यसायियों के मुताबिक गुरुआ, गुरारू, टिकारी, मदनपुर, डुमरिया, इमामगंज, कोठी, बाराचट्टी, मोहनपुर, आमस के अलावा झारखंड के बालूमात, नावाडीह, हंटरगंज आदि स्थानों पर प्रतिदिन फल और सब्जियां यहां से भेजी जाती हैं।
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छठ को लेकर सजा बाजार
शेरघाटी फल एवं सब्जी मंडी छठ पर्व को लेकर सजकर तैयार हैं। केला, अनानस, सेब, अमरूद, नारंगी आदि फलों खूब आवक हुई है। मंडी में लगातार बड़े वाहनों से फल लाने ले जाने का क्रम जारी है।
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मंडी की साफ -सफाई जरूरी
नगर निकाय द्वारा सब्जी व फल मंडी की साफ -सफाई जरूरी है। नगर प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दिया तो समस्या उत्पन्न हो जाएगी।