पांच वर्षीय शाश्वत ने तबला वादन कर लोगों का दिल जीता
बौद्ध महोत्सव के तीसरे व आखिरी दिन के कार्यक्रम का समापन कलाकारों के स्वर लहरी और घुंघरू की झकार से हुआ। रंगारंग सास्कृतिक कार्यक्रम के समापन के मौके पर पांच वर्षीय शाश्वत ने तबला वादन किया।
गया। बौद्ध महोत्सव के तीसरे व आखिरी दिन के कार्यक्रम का समापन कलाकारों के स्वर लहरी और घुंघरू की झकार से हुआ। रंगारंग सास्कृतिक कार्यक्रम के समापन के मौके पर पांच वर्षीय शाश्वत ने तबला वादन किया। शाश्वत ने नन्ही अंगुली से सुर संगीत के विभिन्न तालों से लोगों को अवगत कराते हुए अपनी कला कौशल का परिचय दिया। उसका उपस्थित दर्शकों ने सराहना करते हुए तालियां बजाकर उत्साह बढ़ाया। वहीं, लावण्य राज ने कथक नृत्य प्रस्तुत की।
रविवार को अवकाश के दिन होने के कारण काफी संख्या में दर्शक कालचक्रमैदान पर आयोजित दिन के कार्यक्रम का आनंद लिया। कार्यक्रम की शुरुआत विभा सिन्हा के लोकगीत गायन से हुआ। इसके बाद मनीष पाठक, संजना गुहा सहित इंडोनेशिया, वियतनाम व म्यामार के कलाकारों ने अपने देश की कला संस्कृति से संबंधित कार्यक्रम प्रस्तुत कर दर्शकों को अवगत कराया। अभिनय रंग मंडल, यंग स्टार डास अकादमी व मगध संगीत संस्थान के कलाकारों ने एक से बढ़कर कार्यक्रम प्रस्तुत किए। दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से हौसला आफजाई की। लोक संगीत की महफिल पुन: वंदना सिन्हा व वीनिता कुमारी ने सजाई और अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को आनंदित की। सुगम संगीत संजय कुमार ने प्रस्तुत किया।