Move to Jagran APP

स्वच्छता अभियान फेल, 189 घरो में मात्र 50 शौचालय

प्रखंड के पूर्वी सीमा पर रोशनगंज ग्राम पंचायत के अंतर्गत स्थित ग्राम बालासोत में गाव की पाती अभियान के तहत सोमवार को ग्रामीण चौपाल लगाया गया। ग्रामीण चौपाल में ग्रामीणों ने गाव के पिछड़ेपन एवं समस्याओं से खुलकर अवगत कराया गया। ग्रामीणों ने गाव की आबादी लगभग 1500 है। यहां पर सबसे बड़ी मुख्य समस्या ग्रामीणों ने मुखर होकर रखा कि 189 घर की बस्ती में मात्र 50 घर में शौचालय है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 06:38 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 06:38 PM (IST)
स्वच्छता अभियान फेल, 189 घरो में मात्र 50 शौचालय
स्वच्छता अभियान फेल, 189 घरो में मात्र 50 शौचालय

गया । प्रखंड के पूर्वी सीमा पर रोशनगंज ग्राम पंचायत के अंतर्गत स्थित ग्राम बालासोत में गाव की पाती अभियान के तहत सोमवार को ग्रामीण चौपाल लगाया गया। ग्रामीण चौपाल में ग्रामीणों ने गाव के पिछड़ेपन एवं समस्याओं से खुलकर अवगत कराया गया। ग्रामीणों ने गाव की आबादी लगभग 1500 है। यहां पर सबसे बड़ी मुख्य समस्या ग्रामीणों ने मुखर होकर रखा कि 189 घर की बस्ती में मात्र 50 घर में शौचालय है। शेष घर के लोगों ने खुले में शौच जाने पर विवश है। सबसे आश्चर्य चकित बात बताई गई की रोशनगंज ग्राम पंचायत वर्ष 2007 में निर्मल पंचायत घोषित किया जा चुका है। बालासोत गाव उसी पंचायत में पड़ता है। तत्कालीन मुखिया को निर्मल पंचायत बनाने को लेकर अवार्ड भी मिल चुका है। लेकिन हकीकत यह था जिस समय पंचायत निर्मल घोषित किया गया था उस समय भी इस गाव में एक भी शौचालय नहीं था। लोग खुले में शौच करने पर विवश थे । आज भी अधिकाश लोग खुले में शौच करने पर विवश हैं।

loksabha election banner

इसके अलावा मुख्य समस्या गली और नाली का है। गाव में नाली के अभाव में गली में पानी रास्ते में बहता रहता है। लगभग दो तिहाई भाग में नाली का निर्माण नहीं किया गया। शेरघाटी.इमामगंज मुख्य सड़क से मोरहर नदी श्मशान घाट तक लगभग डेढ़ किलोमीटर रोड नहीं रहने के कारण शवदाह में भारी संकट का सामना करना पड़ता है। रोड पर अतिक्त्रमण किए हुए हैं।

देवी स्थान जाने के रास्ते पर भी अतिक्रमण है। बालासोत गाव से नहर तक कच्चा रास्ता होने के कारण बरसात के दिनों में रोड पर कचरा हो जाता है। जीटी रोड के करमाइन तक जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। नहर से करमाइन तक पक्की सड़क है लेकिन बाकेबाजार प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला नहर तक का रोड अभी तक कच्चा ही है।

सिंचाई एक मात्र साधन नहर से तरवादीह गाव तक पइन का भी अधिक भाग अतिक्रमित कर लेने के कारण पईन की चौड़ाई कम हो गयी है। अतिक्रमण मुक्त कराते हुए सफाई की जरूरत है। गाव के नहर के पास बच्चों के लिए बना श्मशान घाट पर कुछ लोगों ने अतिक्त्रमण कर लिया है जिसके कारण भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। बालासोत गाव के बीच से शेरघाटी इमामगंज पक्की सड़क गुजरती है जिसके कारण गाव में दुर्घटना की प्रबल संभावना बनी रहती है। गाव में रोड के दोनों किनारे जाली लगाने की माग ग्रामीण करते हैं।

गाव में 5 किलोमीटर की त्रिज्या क्षेत्र में कोई भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने के कारण गाव के लोगों को इलाज के लिए भारी देख तो का सामना करना पड़ता है ग्रामीणों ने गाव में एक उपस्वास्थ्य केंद्र खोलने की माग करते हैं। गाव में जल नल की योजना नहीं लिए जाने पर अब ग्रामीण रोष में हैं। ग्रामीणों ने बताया कि यहा जल का भारी संकट है। गर्मी के दिनों में पानी के लिए लोग परेशान हो जाते हैं, नल जल योजना अभी तक यहा क्रियान्वित नहीं हुआ है। ग्रामीणों ने नल जल योजना शीघ्र शुरू करने की माग की है। गाव में स्थित मध्य विद्यालय में खाना बनाने में सरकारी आदेश का घोर उल्लंघन करने की ग्रामीणों ने शिकायत की। कहा कि विद्यालय में गैस का सिलेंडर रहते हुए भी लकड़ी से मध्यान्ह भोजन बनाया जाता है। बच्चे प्रदूषण का शिकार होते है।

गाव का इतिहास

गाव के निवासी सुबेदार कुमार यादव बताते हैं कि गाव में पहले बहुत गढ्डा हुआ करता था। गड्ढा (शोत) होने के कारण वर्षा में बाढ़ के साथ मोरहर नदी से बालू बहकर शोत में जमा होता था जिसके कारण गाव का नाम बलसोत पड़ा। गाव के गौरव : गाव के गौरव के रूप में एकमात्र इंजीनियर अमित कुमार हैं। वे एक निजी कंपनी में काम करते हैं। गाव में नौकरी पेशा में सात

बालासोत गाव में मात्र 7 लोग नौकरी पेशा में हैं। इसमें शिक्षक एक, रेलवे में दो, कोल्डफील्ड में दो तथा अन्य विभाग में दो लोग हैं। गाव में मैट्रिक पास युवक की संख्या 100, स्नातक पास 20 हैं।

फोटो

बालासोत गाव को दस वर्ष पहले निर्मल पंचायत घोषित कर दिया गया था। उस समय गाव में एक भी शौचालय नहीं बना था। आज भी शौचालय की स्थिति अच्छी नहीं है।

वीरेंद्र प्रसाद फोटो

गाव की मूल समस्या श्मशान घाट की है। दूसरे गाव की सरहद में शवदाह करना पड़ता है। दूसरे गाव में शवदाह करने की स्थिति भी कभी.कभी बहुत तनाव पैदा होता है। शमशान घाट तक रोड पर अतिक्रमण रहने के कारण आज तक नहीं बन पाया।

सुबेदार कुमार यादव फोटो-

गाव से करमाईन रोड में नहर तक रोड का पक्कीकरण नहीं होने से दिक्कत होती है। बारिश के समय कच्ची सड़क पर चलने में कठिनाई होती है

उदय प्रसाद

फोटो

बलसोत गाव के प्रति किसी भी जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं है जिसके कारण गाव पिछड़ा हुआ है। चुनाव के समय ही लोग गांव को याद करते हैं।

कृष्ण यादव फोटो

गाव में पिछले 2 साल से हॉट बाजार लगता है। बाजार में पर्यावरण के दृष्टिकोण से पौधारोपण की आवश्यकता है लेकिन इसके प्रति किसी अधिकारी का ध्यान नहीं है।

-उपेंद्र पंडित

प्रस्तुति : देवनंदन प्रसाद

मो. 9931222673


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.