दस साल से बदहाल है गया की सड़क
डाकथान-चपरदह सड़क की दोनों तरफ दस साल पूर्व से कई मोहल्ले बसे हैं। करीब चार हजार घर बने हैं। लोगों को पेयजल व बिजली तो पर्याप्त मिल रही है लेकिन आने-जाने की समस्या दस साल से है। इसी मार्ग में सत्ताधारी दल के नेताओं का आवास है। फिर भी यह मार्ग जर्जर है।
गया। डाकथान-चपरदह सड़क की दोनों तरफ दस साल पूर्व से कई मोहल्ले बसे हैं। करीब चार हजार घर बने हैं। लोगों को पेयजल व बिजली तो पर्याप्त मिल रही है, लेकिन आने-जाने की समस्या दस साल से है। इसी मार्ग में सत्ताधारी दल के नेताओं का आवास है। फिर भी यह मार्ग जर्जर है।
बारिश में यहां चार चक्के का क्या कहना दो चक्के वाले वाहन से भी पहुंचना मुश्किल हो जाता है। उक्त मार्ग के पक्कीकरण को लेकर संबंधित अधिकारियों को कई वार आवेदन दिया गया। विधानसभा में भी इस मार्ग का मामला उठाया गया। फिर भी अब तक सड़क जर्जर है। मजबूरन लोग रोजाना गड्ढे में तब्दील सड़क से आना-जाना कर रहे हैं। ------------------ डाकथान-चपरदह मार्ग को गिट्टी-मोरम बिछाकर 12 साल पूर्व बनाया गया था, लेकिन आज इसका नामोनिशान नहीं है। सड़क पर जहां-तहां बड़े-बडे गड्ढे हैं। नगर निगम के अधिकारियों से कई बार सड़क बनाने के लिए लिखित आवेदन दिया गया, लेकिन आज तक पहल नहीं हुई।
अशोक कुमार सिंह बारिश होते ही डाकथान-चपरदह की सड़क पर वाहन को छोडिए, पैदल चलना काफी मुश्किल हो जाता है। इस सड़क को बनाने के लिए मोहल्ला वासियों ने डीएम से लेकर सीएम तक गुहार लगाई। विधानसभा में भी मामला उठा। इसके बावजूद सड़क नहीं बनी।
उपेंद्र कुमार वर्मा इस मार्ग पर छोटे-बड़े वाहन प्रतिदिन काफी संख्या में गुजरते हैं। सड़क में बने गड्ढ़े से हर वक्त दुर्घटना होते रहता है। गड्ढ़े को कई बार चंदा इकट्ठा कर बनाया गया है। कुछ दिनों बाद स्थिति पूर्ववत हो जाती हैं।
सुदामा पासवान हमलोगों की सबसे बड़ी समस्या आने-जाने की है। सड़क तो है लेकिन काफी जर्जर है। कच्चा मार्ग होने से काफी धूल उड़ते रहता है। इस कारण मोहल्लावासी सदा परेशान रहते हैं। पक्कीकरण न होने से परेशानी बनी है।
अभय कुमार सिंह।