गया-रजौली स्टेट हाईवे से परसावा-मिशिरचक तक सड़क जर्जर
गया। आधा दर्जन गांवों को मुख्य सड़क से जोड़ने वाली गया-रजौली मुख्य सड़क से परसावा-मिशिरचक तक सड़क निर्माण काल के बाद मरम्मत नहीं होने से काफी जर्जर हो गई है। सड़क में बड़े बड़े गढ्ढा उभर आय हैं। लोगों को वाहन से या पैदल चलने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
गया। आधा दर्जन गांवों को मुख्य सड़क से जोड़ने वाली गया-रजौली मुख्य सड़क से परसावा-मिशिरचक तक सड़क निर्माण काल के बाद मरम्मत नहीं होने से काफी जर्जर हो गई है। सड़क में बड़े बड़े गढ्ढा उभर आय हैं। लोगों को वाहन से या पैदल चलने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। सड़क की कुल लंबाई परसावा मोड़ मिशिरचक तक तीन किलोमीटर है। यह सड़क वजीरगंज व मानपुर प्रखंड को जोड़ती है। सड़क का निर्माण छह वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री ग्राम सड़क 2012 में बनाया गया था। तब से सड़क का जीर्णोद्धार नहीं किया गया। सड़क में उभरा गढ्ढा इस बात को सिद्ध करता है कि सड़क बनने के बाद कभी मरम्मत नहीं कराई गई। सड़क मरम्मत के अभाव में अपनी पहचान खोती जा रही है। क्षेत्र की जनता जनप्रतिनिधियों से उक्त सड़क को पुन: नवनिर्माण कराने की बात कही, लेकिन किसी ने सड़क के नवनिर्माण पर अब तक सार्थक पहल नहीं कर सका है।
उतलीबारा पंचायत की मुखिया कंचन देवी ने बताया कि उक्त जर्जर सड़क निर्माण के लिए विभाग के पास प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद सड़क का जीर्णोद्धार होगा। सड़क निर्माण पर कोई नहीं दे रहा ध्यान
समाजसेवी उमेश यादव, पूर्व पंचायत समिति सदस्य राजेश यादव, मिशिरचक निवासी बिदेश्वर राम, बसंत दास, कैलाश यादव, नंदलाल दास, परसावा निवासी सुरेश कुमार, रोहित यादव, रवि कुमार, भुनेश्वरी देवी, अम्बिका यादव ने बताया कि सड़क काफी जर्जर हो गयी है। रात में आपातकाल स्थिति वाले मरीज को अस्पताल ले जाने में काफी दिक्कत होती है। सड़क निर्माण के लिए सभी जनप्रतिनिधियों का दरवाजा खटखटाया गया है लेकिन किसी का प्रयास समस्या के समाधान के लिए नहीं किया गया है।