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शर्मनाक : बच्चों को बारी-बारी हर दिन कमरे में बुलाता था सुजॉय, मना करने पर पीटता था

बोधगया में बौद्धभिक्षु द्वारा 15 नाबालिग लामाओं से अप्राकृतिक यौनाचार मामले में पता चला है कि बौद्धभिक्षु सुजॉय हर दिन बारी-बारी से बच्चों को कमरे में बुलाता था।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 01 Sep 2018 04:22 PM (IST)Updated: Sat, 01 Sep 2018 11:27 PM (IST)
शर्मनाक : बच्चों को बारी-बारी हर दिन कमरे में बुलाता था सुजॉय, मना करने पर पीटता था
शर्मनाक : बच्चों को बारी-बारी हर दिन कमरे में बुलाता था सुजॉय, मना करने पर पीटता था

गया [जेएनएन]। बोधगया के प्रसन्ना ज्योति बुद्धिस्ट नविस स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर में मासूम बच्चों के साथ हैवानियत की हद पार हो गई थी। 

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जुल्म की यह कहानी सुनकर गुरुवार को लोगों के चेहरे पर आक्रोश झलक रहा था। सेंटर के संचालक कथित बांग्लादेशी बौद्ध भिक्षु सुजॉय को यौनाचार के आरोप में जेल भेज दिया गया है। 32 बच्चों को मेडिकल जांच के लिए जयप्रकाश नारायण अस्पताल लाया गया तो उन्होंने इशारों में और जुबानी जो कुछ भी कहा, उसे सुनकर सब दहल गए।

वे बच्चे बच्चे पूर्वोत्तर भारत के असम, त्रिपुरा, नगालैंड के हैं। उन्हें हिंदी बोलने और समझने में दिक्कत हो रही थी। किसी तरह उनकी भाषा के जानकार से बात कराई गई। 

कुछ बच्चे थोड़ी-बहुत हिंदी समझते थे। उन्होंने जो भी बताया वह हैवानियत की पराकाष्ठा थी। खुद को  भिक्षु बताने वाला सुजॉय उन बच्चों को गिरफ्त में ले चुका था। वह उन्हें हर दिन बारी-बारी से कमरे में बुलाता था। जो इन्कार करता था, उसके साथ मारपीट की जाती थी।  

गलत हरकत के मिले संकेत

सिविल सर्जन के निर्देश पर जयप्रकाश नारायण अस्पताल में बच्चों की मेडिकल जांच की गई, जिसकी रिपोर्ट कोर्ट को भेजी जाएगी। एक डॉक्टर ने बताया कि बच्चों के साथ गलत हरकत के संकेत मिले हैं। बच्चों को पुलिस संरक्षण में अस्पताल लाया गया। दिन भर जांच हुई। 

जांच के लिए विशेष कमेटी 

एसएसपी राजीव मिश्र ने बताया कि बच्चों की शिकायत पर बोधगया थाना में पॉक्सो एक्ट के तहत संचालक सुजॉय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। मामला संवेदनशील है। इसकी जांच के लिए एडीशनल एसपी की देखरेख में विशेष कमेटी का गठन किया गया है। इसमें सर्किल इंस्पेक्टर, बोधगया थानाध्यक्ष, महिला थानाध्यक्ष को शामिल किया गया है। 

काउंसलर का सहयोग  

एसएसपी ने बताया कि बच्चे हिंदी या अंग्रेजी बोलने में असमर्थ थे। स्थानीय दुभाषिया सहयोग लेकर उनकी काउंसलिंग के लिए सीडब्ल्यूसी को बुलाया गया है। स्वयंसेवी संगठन के काउंसलर को भी बातचीत के लिए लगाया है। बाल कल्याण के निदेशक से दुभाषिए की मांग की गई है।

सभी बच्चों को बोधगया कर संस्था में रखा गया था। 15 बच्चे अपने अभिभावक के साथ घर लौट रहे थे। ट्रेन लेट थी। आश्रम में रुके, इसी दौरान बात खुल गई। 17 बच्चे संस्था में थे। वहां दंडाधिकारी व पुलिस की तैनाती कर दी गई है।

सीडब्लूसी के निर्देश पर बच्चों को अभिभावकों को सौंपा जाएगा। अभी तक आठ बच्चों ने यौनशोषण की बात कही है। कहा कि बोधगया में बुद्धिस्ट काउंसिल के नाम पर कई संस्थाएं चल रही हैं। वैसी संस्थाओं का ऑडिट करने की जरूरत है। उसकी जांच कराई जाएगी। संबंधित विभाग भी कार्रवाई करेगा।

आश्रम का सीसीटीवी जब्त 

संस्था में लगे सीसीटीवी को जब्त कर लिया गया है। फुटेज को जांच के लिए एफएसएल को भेजा जा रहा है। संस्थान के विजिटिंग रजिस्टर को भी सील करने को कहा गया है। यहां रहने वाले बच्चे पश्चिम बंगाल के हैं। 10 महीने से बच्चे रह रहे थे।

शनिवार को सभी का कोर्ट में बयान कराया जाएगा। अनुसंधान अभी प्रारंभिक स्टेज में है, पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है। अन्य मठों की जांच के सवाल पर कहा कि पुलिस के दायरे में सभी मठों की जांच करने का प्रावधान नहीं है। अन्य विभाग इसकी जांच करेंगे। 


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