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आदर्श गाव गुलरियाचक में विद्यालय, आगनबाड़ी और स्वास्थ्य सेवा का अभाव

पेज-6 फोटो 42 43 44 45 46 47 48 49 पढ़ाई और उपचार से लेकर मतदान करने के लिए जाना पड़ता है दूसरे गाव में रेल ओवर क्रॉसिंग रहने के कारण कई कोस घूमकर गांव तक आता है एंबुलेंस संवाद सूत्र परैया

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 07:46 PM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 02:26 AM (IST)
आदर्श गाव गुलरियाचक में विद्यालय, आगनबाड़ी और स्वास्थ्य सेवा का अभाव
आदर्श गाव गुलरियाचक में विद्यालय, आगनबाड़ी और स्वास्थ्य सेवा का अभाव

गया । छह वषरें से आदर्श गाव का तमगा लिए कपसिया पंचायत के गुलरियाचक में मूलभूत सुविधाओं का अभाव ग्रामीणों का सता रहा है। एक हजार से अधिक आबादी वाले गाव में सरकारी स्तर की शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल आदि सेवाएं नदारद है। जिसके कारण यहा के बच्चे दूसरे गाव में पढ़ने जाते हैं। अनुसूचित परिवार की महिलाएं मजदूरी करने बाहर जाती हैं। इनके छोटे बच्चे आगनबाड़ी केंद्र के अभाव में दिन भर गाव में भटकते रहते हैं। गाव में प्राथमिक विद्यालय नहीं है। यहां के बच्चे प्रारंभिक शिक्षा के लिए पड़ोस के गाव महादेवपुर में जाते हैं। उच्चतर शिक्षा हेतु गाव के किशोरों को परैया प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ता है। आदर्श गाव की सघन आबादी पर उपस्वास्थ्य केंद्र की सुविधा नहीं रहने से ग्रामीण परेशान हैं। आपात स्थिति में एंबुलेंस रेल ओवर क्रॉसिंग रहने के कारण कई कोस घूमकर गाव तक पहुंचती है। जिसके कारण ग्रामीणों के जान पर बन जाती है। दखिनेर-खुशडीहरा सड़क पर बसे गुलरियाचक गाव में गली नली लगभग बनी हुई है। जिससे ग्रामीणों को बारिश में कीचड़ का सामना नहीं करना पड़ता है, पर जल निकासी व्यवस्था में गड़बड़ी के कारण गलियों में कई जगह गंदा पानी जमा रहता है।

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बारिश होने पर सरकारी भवन में लेते शरण इस आदर्श गाव में सामुदायिक भवन और वर्क शेड है। बारिश होने पर अनुसूचित जाति के कई घरो के लोग इन्हीं सरकारी भवनों में शरण लेते हैं। राज्य सरकार की महत्वपूर्ण मुख्यमंत्री सात निश्चय नलजल योजना गाव में नहीं पहुंची है। ग्रामीणों को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कोसों दूर जाना पड़ता मतदान करने लोअर मोरहर नदी के किनारे पर स्थित अनुसूचित टोले के 80 से ज्यादा परिवार पूरी तरह भूमिहीन है। जो मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। सुविधा विहीन लोगों को विभिन्न चुनावों में मतदान करने गाव से कोसों दूर जाना पड़ता है। तीन सौ के करीब मतदाता वाले गाव में मतदान केंद्र नहीं है। जहां जाना इनके लिए बड़ी समस्या है।

'आजादी के पहले और आजादी के बाद दोनों समय उन्होंने देखा है। कोई विशेष अंतर नहीं दिखता है। आज भी गाव के बच्चे पढ़ने के लिए दूसरे गाव जाते हैं। सरकारी सुविधा के नाम पर सिर्फ नली गली बनी है। बिजली उपलब्ध है।

महावीर माझी, ग्रामीण 'मतदान करने कोसों दूर दूसरे गाव जाना पड़ता है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में प्राणपुर में और पंचायत चुनाव में तड़मा गाव में बने मतदान केंद्र पर जाना पड़ता है। दोनों गाव की दूरी गुलरियाचक से छह किलोमीटर के करीब है।

रंजीत कुमार, ग्रामीण

'गाव में विद्यालय नहीं रहने के कारण पढ़ने के लिए दूसरे गाव जाना पड़ता है। जिसमें जाने आने में समय की बर्बादी होती है। इसके अलावा थकान और परेशानी अलग होती है।

गोलू कुमार, छात्र

'गाव में स्वास्थ्य सेवा नहीं रहने से छोटी बीमारी की इलाज के लिए शहर जाना पड़ता है। इसके लिए गरीब व अनुसूचित परिवार को कर्ज लेकर इलाज के लिए जाना पड़ता है।

पुनिया देवी, ग्रामीण 'सरकार ने गुलरियाचक को आदर्श गाव चुना, लेकिन घोषणा के छह वर्ष बाद भी गाव में आधारभूत सुविधाओं का अभाव है। कपसिया पंचायत का यह गाव पंचायत मुख्यालय से दो कोस की दूरी पर है।

सुनील सिंह, पंचायत समिति सदस्य प्रस्तुति: दिग्विजय कुमार सिंह

मोबाइल नंबर 7979099275


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