मानपुर उद्योगनगरी में प्रतिदिन तैयार हो रहे बीस हजार मीटर गर्म वस्त्र
फोटो - 26-27 -रजाई और तोसक के खोल भी बनाए जा रहे एक सौ से अधिक बुनकर लगे हैं तैयार करने में बिहार के अलावा अन्य राज्यों में भी होती है बिक्री संवाद सूत्र मानपुर
गया । सर्दी के दस्तक देने के साथ ही मानपुर पटवा टोली उद्योगनगरी में गर्म वस्त्र बनने लगे। साढ़े सात हजार पावर लूम इकाई में करीब पांच सौ लूम पर प्रतिदिन बीस हजार मीटर थान तैयार की जा रही है। रजाई और तोसक के खोल भी बनाए जा रहे हैं। इसे बनाने में एक सौ से अधिक बुनकर लगे हैं।
गर्म वस्त्र बनाने के लिए रंगीन सूत तमिलनाडु से मंगाया जाता है, जो विभिन्न रंग की होती है। उसके बाद सूत से नारा बांटा जाता। विम बनाकर मशीन पर बैभारी करके पावर लूम में लगाया जाता। उसके बाद मशीन से रजाई एवं तोसक के खोल तैयार किए जाते हैं।
पटवा टोली वस्त्र उद्योग में तैयार रजाई और तोसक के खोल सौ प्रतिशत सूती है, जो ठंड से बचाव में काफी कारगर है। देखने में भी काफी अच्छी लगती। यही वजह है कि असम एवं बंगाल में इसकी मांग काफी है। बिहार के भी कई बड़े एवं छोटे शहरों में अच्छी बिक्री होती है। बुनकर ग्राहकों की मांग पूरी करने में दिन रात जुटे हैं। उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है।
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गर्म वस्त्र तैयार करने वाले कई पावर लूम इकाइयां पूंजी के अभाव में बंद हो गई हैं। इसके कारण दर्जनों बुनकर मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। स्थानीय बैंक में ऋण के लिए दर्जनों बुनकर आवेदन दिए हैं।समय पर ऋण नहीं मिल पा रहे है।
दुखन पटवा, बुनकर
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यहां की बनी रजाई एवं तोसक खोल प्रतिदिन असम एवं बंगाल भेजी जा रही है। व्यवसायियों की मांग पूरा करने के लिए सोलह घंटे प्रतिदिन लूम चलाने पड़ रहे हैं।
प्रेमनारायण पटवा, वस्त्र उद्योग बुनकर सेवा संघ