कलश यात्रा के साथ देवी मां की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान शुरू
गया। टिकारी प्रखंड अंतर्गत मउ पंचायत के गुलरियाचक गांव में देवी मां की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान सह नवचंडी महायज्ञ का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ। इस अवसर पर बैंड-बाजे के साथ यज्ञ स्थल मंदिर परिसर से कलश सह शोभा यात्रा निकाली गयी जो देवी मां के सम्मान में जयकारा लगाते हुए छक्कन बिगहा पहुंचा।
गया। टिकारी प्रखंड अंतर्गत मउ पंचायत के गुलरियाचक गांव में देवी मां की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान सह नवचंडी महायज्ञ का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ। इस अवसर पर बैंड-बाजे के साथ यज्ञ स्थल मंदिर परिसर से कलश सह शोभा यात्रा निकाली गयी जो देवी मां के सम्मान में जयकारा लगाते हुए छक्कन बिगहा पहुंचा। जहां सूर्यमंदिर तालाब में कलशधारियों को जलभरी अनुष्ठान संपादित कराया गया। जिसके बाद सुपटा स्थित मंदिर से मां देवी की मिट्टी के साथ धर्म का जयघोष करते सभी यज्ञ स्थल पहुंचे। जहां वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच कलशधारियों को मंडप प्रवेश और कलश की स्थापना का अनुष्ठान कराया गया। आयोजक मंडल के सदस्यों ने बताया कि महायज्ञ में प्रति दिन सुबह यज्ञशाला की परिक्रमा और आहुति के बाद शाम में कथा, प्रवचन, भजन-कीर्तन आदि धार्मिक कार्य होगा। हरिद्वार, अयोध्या और झारखंड से पधारे आचार्य व संत-महात्माओं का प्रवचन होगा। प्राण प्रतिष्ठा और महायज्ञ आदि सभी धार्मिक कार्य श्री श्री 108 लवकुश बाबा के सानिध्य में संपादित होगा। यज्ञाचार्य रमेश विद्यार्थी द्वारा वेदमंत्र पाठ, हवन पूजन किया जा रहा है। प्रवचन के साथ नारी जागरण का कार्य इंदु शास्त्री द्वारा किया जा रहा है। इस धार्मिक अनुष्ठान को सफल बनाने में पूरे गांव के ग्रामीण जुटे हैं।
एबीवीपी का प्रतिनिधिमंडल एमयू के परीक्षा नियंत्रक से मिला
बोधगया। मगध विश्वविद्यालय सीनेट सदस्य दीपक कुमार के नेतृत्व में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को परीक्षा नियंत्रक के नामित एक ज्ञापन सौंपा। दीपक में परीक्षा नियंत्रक से फोन पर बात की। उन्होंने कहा कि परीक्षा नियंत्रक में 10 दिनों के अंदर परीक्षा परिणाम प्रकाशन की बात कही है।
छात्र नेता अमन मिश्रा ने कहा कि मगध विश्वविद्यालय के द्वारा बीएड की परीक्षा दिसंबर माह में ही लिया गया था और अब तक रिजल्ट का प्रकाशन नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में वैसे छात्र जो सीटेट की परीक्षा पास कर चुके हैं उन्हें नियोजन की तिथि समाप्त होते जा रही है। साथ ही कई राज्यों में विभिन्न प्रकार की वैकेंसी है। परीक्षा परिणाम उपलब्ध ना होने कारण वैसे छात्र वहां आवेदन करने से वंचित होते दिख रहे हैं। रेगुलेशन के अनुसार अगर तीन वर्षों के अंदर अगर बीएड का सत्र पूरा नहीं होता है तो उनकी डिग्री अवैध मानी जाती है। ऐसी स्थिति में छात्रों के अंदर संशय बना हुआ है और विश्वविद्यालय पदाधिकारी चैन से सोए हुए हैं।