जघन्य और घृणित कार्य करने वालों के घरों पर चिपकाए इश्तेहार
गया। राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्या सुषमा साहू ने कहा कि जघन्य और घृणित कार्य करने वाले लोगों को
गया। राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्या सुषमा साहू ने कहा कि जघन्य और घृणित कार्य करने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। आरोपित अगर गिरफ्तार नहीं होते हैं। तो उनके परिजनों पर दबाव बनाए। कुर्की जब्ती की कार्रवाई सुनिश्चित करें। फरार सभी आरोपितों के घरों पर इश्तेहार चिपकाए। उक्त बातें श्रीमति साहू शुक्रवार को प्रेसवार्ता में कही। श्रीमति साहू सोनडीहा दुष्कर्म मामले के केस डायरी को अभी तक अपूर्ण रहने पर आपत्ति जाहिर की। उन्होंने कहा कि घटना के बाद से पीड़ित परिवार डरा-सहमा है। उन्होंने कहा कि राजद नेताओं ने पीड़ितों की पहचान को उजागर कर अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास किया। जो दुखद है। इससे पहले राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी किया था। लेकिन उन्होंने अपनी गलती को स्वीकार किया था। लेकिन अपने दल के नेताओं को समझा नहीं पा रहे हैं। सदस्या ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि क्या राजद नेताओं के परिवार के साथ ऐसी घटना होने पर पहचान उजागर करेंगे? श्रीमति साहू ने कहा कि पीड़ितों की सुरक्षा को लेकर आयोग चिंतित है। इसके लिए बिहार के डीजीपी को पत्र लिखकर सुरक्षा सुनिश्चित कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि बच्चियों के कॉसलिंग कराने के लिए दो महिलाओं को प्रतिनियुक्त करने का आदेश डीएम एसएसपी को दिया गया है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि केस डायरी में चूक करने वाले पुलिस के अधिकारी दंडित होंगे। पुलिस की डायरी इतनी सख्त होनी चाहिए कि आरोपितों को न्यायालय से जमानत नहीं मिले। ऐसे सारी घटनाओं का स्पीडी ट्रायल होना चाहिए। इसलिए पॉस्को एक्ट जरूर लगाए। इससे समाज में यह संदेश जाएगा कि दुष्कर्म जैसे कुकृत्य कार्य करने वाले लोगों के लिए क्षमा व राहत नहीं है। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि घटना के इतने दिन गुजर जाने के बाद निर्धारित मुआवजा का कागजात तैयार नहीं किया गया है। एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि ऐसे घृणित कार्य के लिए फांसी की सजा भी आरोपितों के लिए कम होगी। क्योंकि इस घटना से न सिर्फ बिहार बल्कि देश की छवि धूमिल हुई है। बिहार जहां शराबबंदी है। वहां, नशा करने के बाद अमानवीय कृत किया गया। उन्होंने कहा कि दिए गए आदेश का अनुपालन जिला स्तरीय अधिकारी नहीं कराएंगे तो उन्हें दंडित किया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो वैसे अधिकारी को आयोग द्वारा दिल्ली तलब भी किया जा सकता है।