बिहार के सरकारी अस्पतालों का हाल जान रह जाएंगे दंग, आखिर क्यों बाहर टेस्ट कराने जाते हैं मरीज
Bihar Government Hospitals कोरोना वायरस के दौराब लैब टेक्निशियन्स की भूमिका काफी बढ़ गई है लेकिन हैरान करने वाली बात तो यह है कि इस दौर में भी सरकारी अस्पतालों में लैब टेक्नीशियन के 98.31 प्रतिशत सीट खाली पड़ा है।
शुभम कुमार सिंह, औरंगाबाद। कोरोना वायरस के दौराब लैब टेक्निशियन्स की भूमिका काफी बढ़ गई है लेकिन हैरान करने वाली बात तो यह है कि इस दौर में भी सरकारी अस्पतालों में लैब टेक्नीशियन के 98.31 प्रतिशत सीट खाली पड़ा है। विभागीय आंकड़ा कि माने तो जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में लैब टेक्नीशियन के 118 पद स्वीकृत है जिसमें मात्र दो ही कार्यरत हैं। अब सोंचा जा सकता है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों का खून एवं अन्य प्रकार का जांच कैसे किया जाता रहा होगा। लैब टेक्नीशियनों की कमी के कारण काफी परेशानियां हो रही है। एचआइवी, मलेरिया, डेंगू, स्वाइन फ्लू एवं अन्य बीमारियों की जांच पर भी असर पड़ रहा है। अस्पताल में न केवल मरीजों की जांच प्रभावित हो रही है बल्कि मरीजों के लाभ के लिए बनाई गई कई सरकारी योजनाएं भी प्रभावित हो रही है।
संविदा पर 18 एलटी कर रहे कार्य
जिले के सरकारी अस्पतालों में रेगुलर लैब टेक्नीशियन नहीं होने के कारण 18 संविदा पर बहाल एलटी से काम कराया जा रहा है। ये सभी 18 एलटी रेगुलर की जगह कार्य कर रहे हैं। अगर रेगुलर एलटी का बहाली हो जाता है तो इन्हें हटा दिया जाएगा। विभागीय आंकड़ा की माने तो ओबरा, नवीनगर, औरंगाबाद, रफीगंज, देव व दाउदनगर में दो-दो, कुटुंबा, मदनपुर व हसपुरा में एक-एक एवं बारुण में तीन संविदा पर बहाल एलटी कार्य कर रहे हैं।
एलटी का विभागीय आंकड़ा
प्रखंड का नाम स्वीकृत पद कार्यरत खाली
हसपुरा 06 00 06
गोह 05 00 05
दाउदनगर 08 00 08
ओबरा 08 00 08
नवीनगर 10 00 10
कुटुंबा 10 00 10
देव 10 00 10
मदनपुर 09 01 08
रफीगंज 09 01 08
सदर 04 00 04
बारुण 09 00 09
सदर अस्पताल 13 00 13
व्यवाहार न्यायालय 01 00 01
अनुमंडलीय अस्पताल 05 00 05
मलेरिया विभाग 11 00 11
कहते हैं उपाधीक्षक
सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा. विकास कुमार ने बताया कि यहां एलटी का स्वीकृत पद 13 है, परंतु एक भी टेक्नीशियन नहीं है। संविदा पर बहाल टेक्नीशियन कार्य कर रहे हैं। सीएस के द्वारा विभाग को बहाल करने के लिए पत्र लिखा गया है। मरीजों को बेहतर तरीके से इलाज किया जा रहा है।