कविवर नटवर का व्यक्तित्व व कृतित्व अनुकरणीय
पेज- फोटो 49 -धूमधाम से मनी साहित्यकार नाट्यकार कवि रामेश्वर सिंह नटवर की 34 वीं पुण्यतिथि -अप्रकाशित पांडुलिपियां व कहानियां प्रकाशित करना ही इनके प्रति सची श्रद्धाजलि होगी संवाद सूत्र खिजरसराय
गया । साहित्यकार, नाट्यकार कवि रामेश्वर सिंह नटवर की 34 वीं पुण्यतिथि चिरैली स्तिथ चंद्रकला पुस्तकालय के तत्वावधान में बुधवार को धूमधाम से मनाई गई। समारोह की शुरुआत करते हुए प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. उपेन्द्र कुमार ने कहा कविवर नटवर अपने समय के साहित्यिक कवि थे। ग्रामीण क्षेत्र में रहने के बावजूद हरिवंश राय बच्चन से इनका संबंध और नियमित पत्र व्यवहार इनके साहित्यिक ऊंचाई को दर्शाता है। समय दर समय इनकी रचनाओं का प्रकाशन विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में होता रहा। इन्होंने दर्जनों पुस्तकें लिखीं, जिसका प्रकाशन भी हुआ। अब उन रचनाओं को ढूंढ़ना, इनकी कई पाडुलिपियां अब तक अप्रकाशित है। उसे प्रकाशित करना ही इनके प्रति सच्ची श्रद्धाजलि होगी।
उन्होंने कहा इनके पुत्र कृष्णकात सिंह नायक द्वारा इस दिशा में जो कदम उठाया गया है काबिले तारीफ है। कहा कि उम्मीद कर सकते हैं कि इनकी सहित्यिक विरासत को संभालने में इनका बड़ा योगदान होगा। इनके अलावा अन्य लोगों ने भी उनके तैल चित्र पर पुष्पाजलि अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। वक्ताओं ने कविवर नटवर के व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा की। इस अवसर पर महेश कुमार सिन्हा, कृष्णकांत नायक, अंजनी कुमार, विनय दांगी, धर्मेन्द्र कुमार, गजानन, चन्द्रशेखर गिरि, संजय सहाय आदि लोग मौजूद थे।