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गया में पितृपक्ष मेला आरंभ, देश-विदेश के 10 लाख पिंडदानियों के आने की उम्मीद

बिहार के गया में पितृपक्ष मेला रविवार से शुरू हो गया है। इसमें श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्‍यवस्‍थाएं की गईं हैं। यहां की व्‍यवस्‍था की पूरी जानकारी के लिए पढ़ें यह खबर।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 09:34 AM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 10:54 PM (IST)
गया में पितृपक्ष मेला आरंभ, देश-विदेश के 10 लाख पिंडदानियों के आने की उम्मीद
गया में पितृपक्ष मेला आरंभ, देश-विदेश के 10 लाख पिंडदानियों के आने की उम्मीद
गया [जेएनएन]। मोक्षदायिनी नगरी गया में पितृपक्ष मेला शुरू हो गया है। रविवार को विष्णुपद प्रांगण में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इसका उद्घाटन किया। इसके बाद अब सोमवार की सुबह से 54 पिंडवेदियों पर कर्मकांड शुरू हो जाएगा। गया पुरोहित की देखरेख में पिंडदानियों को 15 दिनों तक कर्मकांड और सुफल (आशीर्वाद) दिए जाएंगे।
मोक्षभूमि ही इकलौता स्थल, जिसे कहते हैं गयाजी
पितरों को तर्पण अर्पण कर उनकी मोक्ष की कामना का पितृ महासंगम मेला रविवार को उद्घाटन के साथ शुरू हो गया। राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इसका उद्घाटन करते हुए कहा कि गया ही एक ऐसी पवित्र भूमि है, जिसे लोग पूरे आदर व सम्मान के साथ गयाजी के नाम से संबोधित करते हैं। यह सौभाग्य किसी और जिले को प्राप्त नहीं है। गयाजी मोक्ष और ज्ञान की भूमि है। यहां की परंपरा और आस्था को संजोए रखने में यहां के पंडा-पुरोहितों का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
यहां की बेहतर व्यवस्था से गया और बिहार की छवि पूरे देश में बनी है। उन्होंने इसे बरकरार रखने का आग्रह किया। इससे पहले उन्होंने विष्णुपद प्रांगण में पितृ महासंगम-18 का दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि गया, पावापुरी, बोधगया और राजगीर ऐसे स्थल हैं, जहां देश-विदेश से लाखों पर्यटक हर साल आते हैं।
दुनिया में और कहीं नहीं मोक्ष की भूमि
उन्होंने कहा कि बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद कुछ लोग कह रहे थे कि अब यहां क्या बचा है। बिहार के पास गयाजी, राजगीर, पावापुरी और बोधगया हैं। कल-कारखाना और मंदिर अन्य जिलों व राज्यों में भी हो सकते हैं, पर मोक्ष तो गयाजी में ही मिलता है। यह दुनिया में कहीं नहीं है। इसकी महत्ता को समझते हुए केंद्र की मोदी सरकार के सहयोग से विष्णुपद और उसके आसपास के क्षेत्र को विकसित किया जा रहा है। इसके लिए करीब 45 करोड़ रुपये दिए गए हैं। बोधगया में 140 करोड़ से ऑडिटोरियम बन रहा है। अब तक बिहार को 600 करोड़ रुपये केंद्र सरकार से मिले हैं।
मेले के लिए मुकम्‍मल व्‍यवस्‍था
15 दिन तक चलने वाले मेले के लिए जिला प्रशासन ने मुकम्मल व्यवस्था की है। यहां सड़क, रेल व हवाई मार्ग से 10 लाख पिंडदानियों के आने की उम्मीद है। मेला संबंधी जानकारी के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसका हेल्पलाइन नंबर 8448596580 है। इस पर पिंडदान, कर्मकांड सहित हर तरह की सुविधा की जानकारी दी जा रही है। यह कंट्रोल रूम 24 घंटे संचालित है। निजी, सरकारी स्कूलों के साथ धर्मशाला और पंडाजी के आवासन स्थल पर भी पिंडदानियों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य सुविधाएं भी पिंडदानियों को मुहैया कराई जा रहीं हैं।

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