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फौलादी इरादों से महिलाओं ने बदली गांवों की तस्वीर

काम करने की कोई उम्र नहीं होती। जरूरत होती है फौलादी इरादों की। मजबूत इरादों से कठिन राह पर चलकर भी मंजिल पाई जा सकती है। बोधगया प्रखंड के इटरा पंचायत के छोटे से गांव अहमद नगर में महिलाओं ने ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है..। पूरे इलाके के लिए मिसाल बन गई हैं। उनकी मेहनत से पूरा गाव तरक्की की राह पर अग्रसर है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 01:56 AM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 01:56 AM (IST)
फौलादी इरादों से महिलाओं ने बदली गांवों की तस्वीर
फौलादी इरादों से महिलाओं ने बदली गांवों की तस्वीर

[विनय कुमार मिश्र] बोधगया

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काम करने की कोई उम्र नहीं होती। जरूरत होती है फौलादी इरादों की। मजबूत इरादों से कठिन राह पर चलकर भी मंजिल पाई जा सकती है। बोधगया प्रखंड के इटरा पंचायत के छोटे से गांव अहमद नगर में महिलाओं ने ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है..। पूरे इलाके के लिए मिसाल बन गई हैं। उनकी मेहनत से पूरा गाव तरक्की की राह पर अग्रसर है।

चांदनी ग्राम संगठन की महिलाओं ने गांव में साप्ताहिक हाट लगाने की पहल की। स्टार्ट अप विलेज इंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम के तहत जीविका दीदीयों का सहयोग मिला। बस फिर क्या था। हाट लगने लगी और अहमद नगर के साथ ही आसपास के गांवों की तस्वीर बदलने लगी। गावों की महिलाएं सब्जी उपजा कर इस हाट में बेचकर आर्थिक रूप से संपन्न हो रही हैं। धीरे-धीरे विस्तार हुआ और अब दैनिक उपयोग की वस्तुएं और खाद्य सामग्री भी यहां बिक रही हैं। ग्रामीणों को दस किमी दूर चेरकी या फिर शेखवारा बाजार नहीं जाना पड़ता है।

महिलाओं को सबल बनाने में स्टार्ट अप विलेज संस्था से जुड़े युवक मिथलेश कुमार की भूमिका भी सराहनीय रही। उन्होंने महिलाओं को प्रशिक्षण दिलवाया। हाट में काफी संख्या लोग खरीदारी को आएं इसके लिए प्रचार-प्रसार भी किया। सितंबर 2017 में हाट लगाने के लिए एक किसान की जमीन को दो सौ रुपये प्रतिमाह की दर पर लिया।

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यहां फास्ट फूड भी

हर बुधवार को लगने वाली हाट में समोसा, जलेबी सहित फास्ट फूड का भी आनंद उठा सकते हैं। मछली व मुर्गा की भी बिक्री होती है। कुछेक महिलाएं मुर्गा व मछली तलने में लगी रहती हैं।

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हाट के लगने से खेतों में उपजी सब्जियों को अब दूर के बाजार में ले जाने का झंझट नहीं है। यहीं बिक जाती है। काफी संख्या में ग्रामीण खरीदार के लिए आते हैं। इससे महिलाएं आर्थिक रूप से संपन्न हो रही हैं।

बेदमिया देवी, पचनवां गांव

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यहां पेयजल की किल्लत है। गर्मी के मौसम साग-सब्जी को ताजी रखने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। महिला संगठन द्वारा क्षेत्रीय विधायक से इसके लिए मांग की गई है।

समुंदरी देवी, पिपरहिया गांव

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हाट लगने की जानकारी लगभग छह माह पहले मिली थी। तब से लगातार हर बुधवार को यहां मिर्च-मसाले की दुकान लगाते हैं। अच्छी बिक्री भी हो जाती है।

किशन, व्यापारी

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हाट लगने से क्षेत्र के लोगों को काफी सहूलियत हुई है। यहां पानी की समस्या दूर करने के लिए जल्द ही चापाकल लगाने का प्रयास करेंगे।

डॉ. हरिकृष्ण प्रसाद यादव, मुखिया


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