कैमूर के लोगों को पेयजल के लिए उठानी पड़ रही परेशानी, शिकायत के बाद भी अधिकारी नहीं कर रहे कार्रवाई
कैमूर में पेयजल को लेकर लोगों को काफी समस्या हो रही है। इसके पहले इस बंदीपुर गांव में भी दो वार्ड में पानी सप्लाई महीनों से ठप थी। यहां बिजली का बिल नहीं जमा होने से प्रीपेड मीटर का कनेक्शन कट गया था।
संवाद सूत्र, रामगढ़(कैमूर)। सात निश्चय योजना के तहत गांव में लगाई गई जलापूर्ति योजना कहीं कारगर तो कहीं फ्लाप होती दिख रही है। इस योजना के क्रियान्वयन में मुखिया व वार्ड क्रियान्वयन समिति के खींचातानी में कुछ दिनों तक जलापूर्ति योजना पर ग्रहण लगा था। छंटने के बाद भी यह महत्वपूर्ण योजना धरातल पर एक तरह से दम ही तोड़ रही है। सबसे खराब हालत प्रखंड मुख्यालय के बंदीपुर गांव की है। इस गांव के पांच नंबर वार्ड में लगी जलापूर्ति योजना लगने के बाद से ही ठप है। जिसके चलते मोहल्ले के लोगों को स्वच्छ पानी पीने को नसीब नहीं हो पा रहा है। मौसमी बीमारी शुरू है। दूषित पानी पीने से लोगों में कई तरह के रोग पैदा हो रहे हैं। इसलिए हर घरों में पानी की आवश्यकता है।
बावजूद विभाग इस दिशा में सकारात्मक रुचि नहीं ले रहा है। इसके पहले इस बंदीपुर गांव में भी दो वार्ड में पानी सप्लाई महीनों से ठप थी। यहां बिजली का बिल नहीं जमा होने से प्रीपेड मीटर का कनेक्शन कट गया था। बाद में पुनः चालू किया गया। एक वार्ड में जलापूर्ति योजना पर 20 से 22 लाख रुपये की राशि खर्च हुई है। गांव के संतोष कुमार गुप्ता, विजय कुम्हार, अभय तिवारी आदि ने बताया कि हमलोगों के यहां हैंडपंप का पानी काफी दूषित है। सबमर्सिबल से लोगों का हलक तर होता था। लेकिन पानी की गुणवत्ता सही नहीं थी। सात निश्चय योजना के तहत हर घर तक शुद्ध व स्वच्छ पानी सप्लाई के लिए 22 लाख रुपये की लागत से जलापूर्ति योजना का कार्य किया गया। लेकिन कार्य संपन्न हुए दो वर्ष से अधिक समय बीत गए। लेकिन इस जलापूर्ति योजना से पानी आपूर्ति सुचारू नहीं हो सकी।
जिसके चलते पीने के पानी को लेकर हम सभी को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। जबकि अब यह गांव नगर पंचायत में है। यहां अब वार्ड सदस्य की भूमिका नगण्य है। ऐसी हालत में पीने के पानी की समस्या गंभीर है। इस संबंध में पूर्व वार्ड सदस्य गीता देवी ने बताया कि प्रीपेड मीटर लगा है। पैसा लोग दे नहीं रहे हैं। कनेक्शन कटा हुआ है। इन्होंने बताया कि इसकी सूचना कई बार बीडीओ को दी जा चुकी है। फिर भी इस समस्या का निदान नहीं निकल सका।