Move to Jagran APP

नाले का खुला चेंबर से लोगों को हो रही परेशानी

गया सनातन धर्म में गयाधाम का काफी महत्व है। इसलिए मोक्ष नगरी भी कहा जाता है। जहां प्रत्येक दिन काफी संख्या में देश-विदेश से तीर्थयात्री आते हैं। अपने पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर पिडदान एवं फल्गु के पवित्र जल से तर्पण करते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 08:10 AM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 08:10 AM (IST)
नाले का खुला चेंबर से लोगों को हो रही परेशानी
नाले का खुला चेंबर से लोगों को हो रही परेशानी

गया : सनातन धर्म में गयाधाम का काफी महत्व है। इसलिए मोक्ष नगरी भी कहा जाता है। जहां प्रत्येक दिन काफी संख्या में देश-विदेश से तीर्थयात्री आते हैं। अपने पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर पिडदान एवं फल्गु के पवित्र जल से तर्पण करते हैं। लेकिन सबसे अधिक तीर्थयात्री पितृपक्ष मेला में आते है। जहां जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए कई कार्य किए जाते हैं। लेकिन शहर में स्थित नाले का चेंबर पर ढक्कन नहीं होने से तीर्थयात्रियों के साथ-साथ आमलोगों के आवागमन में भी परेशानी हो रही है। जबकि नगर निगम प्रत्येक वर्ष चेंबर एवं नालों को ढकने में लाखों रुपये खर्च करता है। फिर भी मेला क्षेत्र एवं कई स्थानों पर नाला खुला पड़ा है। जिसमें लोगों के साथ जानवर भी गिरकर जख्मी हो रहे हैं। इसे देखने के लिए नगर निगम का कोई पदाधिकारी भी नहीं है।

prime article banner

--------------

सबसे अधिक खुला चेंबर मेला क्षेत्र में नाले का सबसे अधिक खुला चेंबर मेला क्षेत्र में देखा जा रहा है। मुख्य रूप से वार्ड संख्या 38, 39, 40, 41, 43, 44, एवं 45 है। एक दो वार्डों को छोड़कर सभी वार्ड में नाले का चेंबर एवं ढक्कन टूटा हुआ है। इसके अलावा जीबी रोड नई गोदाम, प्रधान डाकघर के सामने, विष्णुपद रोड स्थित अशोक अतिथि गृह, बंगाली आश्रम मोड, चांद-चौरा पीएनबी के पास भी चेंबर खुला है। मेला क्षेत्र में चेंबर खुला रहने का संदेश देश-विदेश में जा रहा है। क्योंकि प्रत्येक दिन काफी संख्या में तीर्थयात्री शहर में आते हैं।

----------------

चेंबर खुला रहने से तीर्थयात्रियों को हो रही परेशानी मेला क्षेत्र में नाले का चेंबर खुला रहने से तीर्थयात्रियों को परेशानी हो रही है। गयापाल पुरोहित माधो लाल गुर्दा ने कहा कि मेला क्षेत्र में नाले का चेंबर खुला रहने से तीर्थयात्रियों के पैदल चलने में परेशानी होती है। पिडदानी खाली पैर चलकर ही पिडदान करते हैं। वहीं छोटू बारिक ने कहा कि खुला चेंबर मौत को दावत दे रहा है। क्योंकि नाले में कई गाय गिरकर जख्मी हो गई है। जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

------------------

दो वर्षों से खुला पड़ा है नाले का चेंबर पितृपक्ष मेला क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष नाले का चेंबर को लोहे की जाली बनाकर ढका जाता था। लेकिन कोरोनाकाल को लेकर प्रशासन ने मेला पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके कारण मेला का आयोजन नहीं हुआ। 2019 के मेला में चेंबर का जाली बदला गया था। काफी समय गुजर जाने से चेंबर का जाली एवं ढक्कन टूट गया है।

--------------

चेंबर का जाली बदलने के लिए प्राक्कलन तैयार है। लेकिन राशि के अभाव में कार्य नहीं किया जा रहा है। राशि प्राप्त होते ही नाले का चेंबर ढक दिया जाएगा।

वीरेंद्र कुमार, मेयर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.