आशा के लंबित मानदेय का इसी महीने करें भुगतान
फोटो-101 समीक्षा बैठक -आमस पीएचसी के कंप्यूटर ऑपरेटर के विरुद्ध कार्रवाई करने का दिया निर्देश -आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का रजिस्ट्रेशन आरटीपीएस काउंटर पर भी हो -बैठक से गैरहाजिर रहने पर मांगे गए स्पष्टीकरण नहीं मिलने पर प्रपत्र गठित करने का सिविल सर्जन को दिया निर्देश ---------- जागरण संवाददाता गया
गया । दिवाली और छठ के मद्देनजर जिलाधिकारी ने एमओआइसी को निर्देश दिया कि सेंटर या पीएचसी में कार्यरत आशा के लंबित मानदेय का इसी महीने भुगतान करें। वहीं, आयुष्मान भारत के तहत मरीजों को गोल्डन कार्ड के लिए एंट्री नहीं करने पर आमस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कंप्यूटर ऑपरेटर के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ अकाउंटेंट को मरीज का रजिस्ट्रेशन करवाने को कहा। साथ ही डोभी एमओआइसी और बीपीएम से स्पष्टीकरण मांगते हुए 60 प्रतिशत प्रोग्रेस होने तक उनका वेतन रोकने को कहा।
वह मंगलवार को समाहरणालय के सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग के कार्यो की प्रगति की मासिक समीक्षा कर रहे थे।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि पिछली पिछली बैठक में अनुपस्थित रहे हेल्थ मैनेजर, प्रभारी चिकित्सा, चिकित्सा पदाधिकारी से मांगे गए स्पष्टीकरण नहीं मिलने पर एमओआइसी आमस, टिकारी, गुरारू के विरुद्ध प्रपत्र क गठित करने का सिविल सर्जन को निर्देश दिया।
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सभी पंचायतों में
लगेंगे विशेष कैंप
जिलाधिकारी ने सभी को निर्देश दिया कि 16 से 31 अक्टूबर तक सभी पंचायतों में विशेष कैंप लगाएं। कैंप में शौचालय निर्माण का भुगतान, आवास योजना के लंबित भुगतान, राशन कार्ड के लंबित मामले इत्यादि योजनाओं के लंबित मामलों का निष्पादन कराया जाए। जो लाभार्थी जिस योजना से वंचित हैं उन्हें उस योजना का लाभ दिलाया जाए। बैठक में कई प्रभारी चिकित्सक द्वारा बताया गया कि संजीवनी संस्था के कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा योजनाओं की ऑनलाइन इंट्री नहीं की जा रही है। जिलाधिकारी ने संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से रिपोर्ट मागी एवं कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
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एमआइसी को अपने मुख्यालय में उपस्थित रहने का दिया निर्देश
मानपुर, मोहनपुर, शेरघाटी, टनकुप्पा, वजीरगंज, अर्बन एवं मोहरा में इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी कम हो रहा है। जिलाधिकारी ने संबंधित प्रखंडों से विस्तृत रिपोर्ट की माग की। डीएम ने कहा कि संबंधित एमओआइसी अपने मुख्यालय में उपस्थित नहीं रहते हैं। इसके कारण मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराना पड़ता है। उन्होंने सभी एमआइसी को अपने मुख्यालय में उपस्थित रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी प्रखंडों में आशा द्वारा गर्भवती महिलाओं का सर्वे कराया जाए। उन्होंने फैमिली प्लानिंग एवं टीवी के मरीजों पर विस्तृत जानकारी दी गई। बैठक में सहायक समाहर्ता, सिविल सर्जन एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।