पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन होते ही शुरू हो गई जंगल की लकडि़यों की ढुलाई, सख्त हुआ रेल प्रशासन
रेलवे सुरक्षा की टीम के द्वारा ट्रेनों में अवैध रूप से लकड़ी लाने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चलाने का निर्णय लिया है। वहीं वन विभाग से अनुरोध किया गया है कि वह भी जंगली क्षेत्रों में अपनी सक्रियता बढ़ाते हुए वृक्षों की कटाई पर अंकुश लगाएं।
संवाद सूत्र, फतेहपुर (गया)। 14 मार्च से रेल प्रशासन ने गया वाराणसी और आसनसोल के बीच पैसेंजर ट्रेनों के परिचालन शुरू कर दिया है। परिचालन शुरू होने से जहां एक ओर यात्रियों में खुशी देख जा रही है। वही जंगली लकड़ी लाकर व्यवसाय करने वाले लोगों की बांछे खिल गयी। पर उनके आरमानों पर रेलवे सुरक्षा बल की टीम ने पानी फेर दिया।
सोमवार को गया कोडरमा रेल खंड के पहाड़पुर स्टेशन से आसनसोल वाराणसी पैसेंजर ट्रेन में रेलवे सुरक्षा बल की टीम ने छापामारी कर एक किवंटल जंगली लकड़ी बरामद किया। हलाकिं इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। वहीं लकड़ी ढुलाई पैसेंजर ट्रेनों में शुरू होने से यात्रियों को परेशानी होने की संभावना है। कोडरमा पोस्ट प्रभारी जवाहरलाल ने बताया कि सोमवार से ही आसनसोल वाराणसी पैसेंजर ट्रेन का परिचालन शुरू किया गया है। पर ट्रेन में असामाजिक तत्वों के द्वारा लकड़ी लाने का कार्य शुरू कर दिया गया।
प्रभारी ने बताया कि रेलवे सुरक्षा की टीम के द्वारा ट्रेनों में अवैध रूप से लकड़ी लाने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चलाने का निर्णय लिया है। वहीं वन विभाग से अनुरोध किया गया है कि वह भी जंगली क्षेत्रों में अपनी सक्रियता बढ़ाते हुए वृक्षों की कटाई पर अंकुश लगाएं। प्रभारी ने बताया कि इस धंधे से जुड़े लोगों के द्वारा दिलवा, नाथगंज, बसकटवा से लकड़ी की ढुलाई का काम किया जाता है। रेलवे सुरक्षा बल के द्वारा स्टेशनों पर विशेष चौकसी बरती जा रही है। प्रभारी जवाहरलाल ने बताया कि वन विभाग की टीम अगर सक्रियता बढ़ा दे तो ट्रेनों में अवैध लकड़ी धुलाई शिथिल पड़ जाएगा। गौरतलब हो कि कोरोना के कारण पैसेंजर ट्रेन का परिचालन बंद था। जिसके कारण लकड़ी की ढुलाई भी बंद थी।