पप्पू यादव का बड़ा बयान- असली उग्रवादी नेता हैं, इनके खिलाफ हो कार्रवाई
पप्पू यादव ने कहा कि नक्सली भी इसी समाज के अंग हैं। उन्हें भी मान, सम्मान और अधिकार मिलना चाहिए। पुलिस ने नक्सली के नाम पर निर्दोष लोगों को प्रताडि़त किया है।
गया [जेएनएन]। जन अधिकार पार्टी (लो) के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने गया के इमामगंज में संकल्प और आजादी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि नक्सली समस्या नेताओं की उपज है। प्रशासनिक विफलता का परिणाम है। नक्सली न देशद्रोही हैं और न उग्रवादी हैं। असली उग्रवदी राजनेता है। नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है।
सांसद ने नक्सली के नाम पर पुलिस व असामाजिक तत्वों की हिंसा के शिकार हुए 37 लोगों के आश्रितों को रैली के दौरान स्वरोजगार के लिए 25-25 हजार रुपये की आर्थिक मदद की। यह राशि चेक के माध्यम से दी गयी।
इस दौरान सांसद ने कहा कि मगध ज्ञान की भूमि है, महात्मा बुद्ध की तपस्थली है। लेकिन नेताओं ने इसकी खूबसूरती को छीन ली है। सरकार की गलत नीतियों के कारण पूर इलाका रक्तरंजित हो गया है। सामाजिक व राजनीतिक व्यवस्था भूख, गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी से लड़ने में नाकाम रही है। इसी कारण नक्सली आंदोलन को फैलने और जड़ जमाने का मौका मिला है।
पप्पू यादव ने कहा कि नक्सली भी इसी समाज के अंग हैं। उन्हें भी मान, सम्मान और अधिकार मिलना चाहिए। पुलिस ने नक्सली के नाम पर निर्दोष लोगों को प्रताडि़त किया है, उनकी हत्या की है। नक्सली बताकर गरीबों का आर्थिक दोहन किया है। इसका खामियाजा पूरे समाज को उठाना पड़ रहा है।
सांसद ने कहा कि व्यवस्था के शिकार और पीडि़त हर व्यक्ति की मदद के लिए वे तैयार रहेंगे और उनकी लड़ाई के साथ खड़े रहेंगे। हमारी लड़ाई भ्रष्ट मेडिकल और एजुकेशन सिस्टम के खिलाफ है। जन अधिकार पार्टी मेडिकल और एजुकेशन सिस्टम के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत कर चुकी है। इसे आमलोगों का व्यापक समर्थन भी मिल रहा है।
आरक्षण की चर्चा करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि सत्ता और विपक्ष दोनों आरक्षण की आड़ में जाति की राजनीति कर रहे हैं। जन अधिकार पार्टी आबादी के अनुपात में सभी जाति के गरीब लोगों के आरक्षण का पक्षधर है। इसी आधार आरक्षण का समर्थन करती है।
सांसद ने कहा कि बिहार में जनहित और जन सरोकार के मुद्दे पर जन अधिकार पार्टी ही मजबूत लड़ाई लड रही है। जनता की आवाज बन रही है। मगध के विकास के बिना बिहार के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। सड़क से संसद तक हमने मगध के अधिकार की लड़ाई लड़ी है। इसमें आमलोगों का समर्थन भी मिला है।