आक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य अंतिम चरण में
गया। शेरघाटी अनुमंडलीय अस्पताल में निर्माणाधीन आक्सीजन प्लांट का काम अंतिम चरण में है। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है।
गया। शेरघाटी अनुमंडलीय अस्पताल में निर्माणाधीन आक्सीजन प्लांट का काम अंतिम चरण में है। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। मंगोलिया से बोधगया पहुंचे 23 सदस्य दल में एक व्यक्ति के कोरोना पाजिटिव पाए जाने के बाद जिला प्रशासन अलर्ट मोड में है। ऐसे में पूरे जिले में सतर्कता बरतने की जरूरत महसूस की जा रही है। इसके मद्देनजर जिले के सभी अनुमंडल और प्रखंड स्तरीय अस्पतालों को आक्सीजन से लैस बेड की व्यवस्था को दुरुस्त किए जाने का काम शुरू हो गया है।
अनुमंडलीय अस्पताल में 54 बेड पर आक्सीजन पाइपलाइन के द्वारा आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है। अस्पताल के उपाधीक्षक डा. राजेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि अस्पताल के 70 बेडों को आक्सीजन युक्त पाइप लाइन से जोड़ दिया गया है। पूर्व की व्यवस्थाओं से पाइप लाइन के माध्यम से आक्सीजन युक्त बेड कार्यरत है। उन्होंने कहा कि नवनिर्मित आक्सीजन गैस प्लांट का कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। पाइप लाइन बिछाने का काम पूर्ण हो गया है। जगह जगह पर स्वीच एवं कुछ इलेक्ट्रानिक्स सामान लगाने के लिए कार्य शेष रह गया है, जिसे एक सप्ताह के अंदर पूरा कर लिए जाने का आश्वासन ठीकेदार के द्वारा दिया गया है।
100 बेड वाला अनुमंडलीय अस्पताल एनएच दो पर स्थित है। अस्पताल में आए दिन घटना-दुर्घटना के मरीज आते रहते हैं। गंभीर अवस्था में उन्हें आक्सीजन एवं अन्य चिकित्सीय सुविधा की आवश्यकता होती है। इस परिस्थिति में अनुमंडलीय अस्पताल को चिकित्सीय व्यवस्था से और भी अधिक सुसज्जित करने की आवश्यकता पर स्थानीय प्रतिनिधियों ने भी बल दिया था। अस्पताल उपाधीक्षक ने कहा कि सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए संसाधनों के अनुसार अस्पताल में आक्सीजन सहित कोरोना से बचाव एवं रोकथाम के लिए बेहतर व्यवस्था की गई है। क्षेत्र के लोगों को चिकित्सा व्यवस्था के लिए घबराने की जरूरत नहीं है। 70 आक्सीजन सिलेंडरों के साथ गैस की पाइपलाइन बिछा दी गई है। आवश्यकता के अनुसार उसे अविलंब चालू कर दिया जाएगा।