नकली दवा फैक्ट्री में 25 लाख वायल से अधिक दर्द की दवाएं जब्त
गया। बोधगया में मनुष्य और जानवरों को मिलने वाला दर्द निवारक दवा के नकली फैक्ट्री का उजागर बोधगया में गत दिनों किया गया। बोधगया थाना क्षेत्र के गया-डोभी मार्ग पर इंडस्ट्रीज परिसर में नकली दवा के फैक्ट्री मिलने के बाद इसकी गहनता से जांच शुरू की गई।
गया। बोधगया में मनुष्य और जानवरों को मिलने वाला दर्द निवारक दवा के नकली फैक्ट्री का उजागर बोधगया में गत दिनों किया गया। बोधगया थाना क्षेत्र के गया-डोभी मार्ग पर इंडस्ट्रीज परिसर में नकली दवा के फैक्ट्री मिलने के बाद इसकी गहनता से जांच शुरू की गई। जांचोपरांत इस फैक्ट्री से 25 लाख से अधिक वायल मिले। साथ ही 60 हजार कप सिरप भी बरामद की गई है। कई मशीन व कच्चा माल बरामद किया गया है। दोनों दवाएं काफी महंगी हैं। इसकी कीमत लगभग 45 लाख रुपये आंकी गई है। फैक्ट्री से बड़े पैमाने पर मशीन, कच्चा सामान, कफ सिरप बनाने के लिए लाखों की संख्या में शीशी का बोतल मिला है। इन सभी सामान को जब्त किया गया है। जब्त दवाइयां व उपकरणों को बोधगया थाना में नहीं रखा गया है। इस मामले में एफआइआर दर्ज नहीं किया गया है। इस कारण से जब्त सामान को मानपुर पीएचसी में रखा गया है। इसके बाद गया सीजीएम को नकली फैक्ट्री से जब्त सामान की जब्ती सूची बनाकर समर्पित की गई।
इस मामले में सहायक ड्रग कंट्रोलर उत्तम कुमार ने न्यायालय में परिवाद पत्र दायर करेंगे। मामले में फैक्ट्री से पकड़े विष्णुपद थाना क्षेत्र के टिल्हा धर्मशाला बहुआर चौराहा मोहल्ला निवासी नीरज कुमार, बुनियादगंज थाना क्षेत्र के हेडमानपुर मोहल्ला निवासी मो.आमिर, कोतवाली थाना क्षेत्र के गोलबगीचा मोहल्ला निवासी सुदीप कुमार एवं विष्णुपद थाना क्षेत्र को बहुआर चौराहा मोहल्ला निवासी आनंद कुमार को गिरफ्तार किया गया है। सभी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पूछताछ के बाद बुधवार को जेल भेज दिया गया है।
जब्त दवाओं को बोधगया थाने को सुपुर्द नहीं किया गया है, बल्कि उसे सुरक्षित स्थान पर रखा गया है, लेकिन निगरानी करने के लिए चौकीदार भी मौजूद नहीं है। एडीसी ने बताया कि हाई कोर्ट का निर्देश है कि जब्त दवा थाने में नहीं रखनी है। दवा कहां रखी गयी है। यह बताने से अनभिज्ञता जाहिर की है।
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दर्द की दवा जानवरों के लिए प्रतिबंधित
सहायक ड्रग कंट्रोलर ने कहा कि जो दवा बोधगया की फैक्ट्री से पकड़ा गया है। वह दूसरे कंपनी के नाम पर तैयार की जाती है। यहां डुप्लीकेटिग का कार्य होता था। डाइक्लो इजेक्शन दर्द की दवा है। जो जानवरों के लिए प्रतिबंधित है। इसके बाद बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर आपूर्ति करने की जानकारी मिली है, यह दवा जानवरों के लिए प्राणघात साबित होती है। इसी तरह कोडिन सिरप और डाइक्लोफेनक भी नकली दवा मिली है। एम्पल भी बड़े पैमाने पर बरामद की गई हैं इसकी जांच चल रही है। इन तीनों का नमूना जांच के लिए भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद संचालक पर नियमानुसार कार्रवाई होगी।