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618 विद्यार्थियों के लिए महज पांच कमरे

तमाम दावों और वादों के बाद भी सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। आज हम बात कर रहे हैं उच्च माध्यमिक विद्यालय चोवार की। सुविधाओं के अभाव में विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों सहित शिक्षकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 02:40 AM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 02:40 AM (IST)
618 विद्यार्थियों के लिए महज पांच कमरे
618 विद्यार्थियों के लिए महज पांच कमरे

[हिमांशु गौतम] गया

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तमाम दावों और वादों के बाद भी सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। आज हम बात कर रहे हैं उच्च माध्यमिक विद्यालय चोवार की। सुविधाओं के अभाव में विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों सहित शिक्षकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

वर्ष 1932 में स्थापित मध्य विद्यालय को वर्ष 2016 में उच्च का दर्जा तो मिल गया, लेकिन न सुविधाएं दी गई और न ही शिक्षकों की नियुक्ति हुई। शिक्षकों के लिए प्रधानाध्यापक द्वारा कई बार विभाग को पत्र लिखा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

विद्यालय में कुल सात कमरे हैं। एक में कार्यालय और एक कमरे में एमडीएम बनता है। दो कमरों में उच्च विद्यालय की कक्षाएं चलती हैं। शेष कमरे में एक से आठ तक की कक्षाएं लगती हैं। जगह के अभाव में एक कमरे में दो-दो कक्षाएं लगती हैं। उच्च विद्यालय के लिए भवन के लिए जमीन की मापी कर इंजीनियर गए, लेकिन आज तक कार्य शुरु नहीं हो सका।

कक्षा एक से आठ तक 416 छात्र नमाकित हैं। वर्ग नौ में 124 और दसवीं में 78 छात्र नमाकित है। मध्य विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक को लगाकर यहां महज 10 शिक्षक कार्यरत हैं। इसमें से एक शिक्षक का प्रतिनियोजन विभागीय आदेश पर प्रखंड कार्यालय में किया गया है। आदेशपाल, ‌र्क्लक का पद खाली है। पेयजल के लिए लगे तीन चापाकल में से दो काफी समय से खराब है। बेंच-डेस्क की कमी से विद्यार्थी जमीन पर बैठने को मजबूर हैं। हालांकि, शौचालय की व्यवस्था ठीक है। दो बालिका और एक बालक के लिए शौचालय बने हैं।

विदित हो कि आसपास के 15 किलोमीटर के क्षेत्र में कोई उच्च विद्यालय नहीं है।

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शिक्षकों के अभाव में विषयवार पढ़ाई नहीं होने के कारण निजी कोचिंग का सहारा लेना पड़ रहा है।

रानी कुमारी, 10वीं कक्षा

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मध्य विद्यालय के शिक्षक द्वारा हमलोगों को पढ़ाया जा रहा है। पढ़ाई के लिए पर्याप्त जगह का अभाव है। जगह की कमी और बेंच की कमी के कारण जमीन पर बैठना पड़ता है।

-मनीषा कुमारी, 10वीं कक्षा

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दूर-दूर तक उच्च विद्यालय नहीं है। चोवार में एक मात्र उच्च विद्यालय है। उसमें भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई है। इससे पढ़ाई प्रभावित होती है।

-गुड़िया कुमारी, 10वीं कक्षा

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-उच्च शिक्षा के नाम पर विभाग इस विद्यालय में कोई सुविधा नहीं दी है। इससे विधालय का संचालन सही नहीं हो पा रहा है।

आरती कुमारी, कक्षा 10वीं कक्षा

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विद्यालय में शिक्षकों का घोर अभाव है। इससे सभी विषयों की पढ़ाई नहीं होती है। मजबूरन कोचिंग का सहारा लेना पड़ता है।

गौरव कुमार, नौवीं कक्षा

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विद्यालय में बैठने के लिए जगह का अभाव है। शिक्षक की कमी है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए ताकि हमारी परेशानी दूर हो सके।

नितीश कुमार, नौवीं कक्षा

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शिक्षक के अभाव में उच्च विद्यालय का संचालन कर पाना बहुत मुश्किल हो रहा है। विभाग को भवन और शिक्षक की व्यवस्था कराने के लिए पत्र दिया गया है। उच्च विद्यालय का संचालन मवि के शिक्षकों के सहारे कर रहे हैं। उच्च विद्यालय में नामाकित छात्रों की पढ़ाई की जा रही है।

मुन्ना कुमार, प्रधानाध्यापक


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