पेंशन की राशि से बबीता ने बनाया शौचालय
रविभूषण सिन्हा, वजीरगंज स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत की बात जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने और मुख्य
रविभूषण सिन्हा, वजीरगंज
स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत की बात जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोहिया स्वच्छता मिशन की बात जब से समाज के लोगों को समझ में आई तब से स्वच्छता के प्रति लोगों में एक नई चेतना का संचार हुआ। समाज का हर तबका इसे जरूरी समझा और अपने अपने घरों में लोग शौचालय का निर्माण कराने लगे। जहां सोच है वहां शौचालय है की बात सबने सुनी और इसे आवश्यक समझा।
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पेंशन की राशि बचाकर
शौचालय बना डाला
गया जिला के वजीरगंज प्रखंड के केनार पहाड़पुर पंचायत के चट्टी गाव की बबिता देवी ने घर में शौचालय बनाने की बात समझ ली। पर उसके पास इसके निर्माण के लिए जितनी राशि की जरूरत थी उसे जुटा पाना मुश्किल था। पर बबीता देवी ने इसे मजबूरी नहीं समझा। बबीता को न तो रहने को घर है और न पेट भरने को पर्याप्त अनाज। तीन बेटियों की जिम्मेदारी का बोझ अपने कंधे पर लिये कई विकट परिस्थितियों से जूझते रहने के बावजूद घर में शौचालय बना डाली।
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चौका बर्तन कर तीन
बेटियों को पढ़ा भी रही
विधवा बबीता देवी के पति का देहात करीब 12 वर्ष पहले इलाज के अभाव में हो गया था। इसके बाद बबीता के पास आय का कोई साधन नहीं रहा। सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत मात्र चार सौ रुपये महीने मिलते हैं। घर का खर्च जुटाने के लोगों के घरों में चौका बर्तन करती हैं। बेटियों को पढ़ा भी रही है। एक बेटी इंटरमिडिएट, दूसरी और तीसरी क्रमश: सातवीं एवं चौथी कक्षा में पढ़ रही है।
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दूसरे के घर में रहकर
अपना शौचालय बनाई
अपना घर नहीं के कारण परिवार के दूसरे सदस्य (गोतिया) के जीर्ण - शीर्ण घर में रहकर खुद की परती जमीन पर पहले शौचालय बनाने का निर्णय ली। चौका बर्तन कर बेटियों का और अपना पेट किसी तरह भरते हुए पेंशन की राशि इकट्ठा की तथा कुछ रुपये उधार लेकर शौचालय बनाकर खुले में शौच के अभिशाप से परिवार को मुक्ति दिलाई।
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सरकार से राशि कैसे
मिलेगी पता नहीं
सरकार द्वारा मिलने वाली प्रोत्साहन राशि पर भी उम्मीद है बबीता को है। यह राशि कैसे मिलेगी ये पता नहीं। स्वच्छता अभियान व संबंधित विभाग से जुड़े लोग इनके शौचालय को देखने नहीं आए है। बिचौलियों सौदेबाजी पर आधारित प्रोत्साहन राशि दिलाने की बात करने के लिए बबीता के पास आने लगे हैं।
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अपनी इज्जत का ख्याल
हमें खुद रखना होगा
अभाव के बीच कष्ट से जीवन व्यतीत करते हुए शौचालय बनाने के बाबत बबीता व इनकी बेटियां कहती हैं कि अपनी इज्जत का ख्याल हमें खुद रखना पड़ता है। पहले से तो ज्ञान नहीं था। स्वच्छता और शौचालय के बारे लोग प्रचार प्रसार कर रहे हैं। तब हम सभी ने एक शाम भूखा रहना मंजूर किया और इज्जत के लिये शौचालय बनाया। बबीता कहती हैं कि पेंशन के पैसे बचाकर शौचालय बनवाई हूं। कहती हैं कि घर नहीं है तो किसी तरह जीवन गुजार लेंगे पर शौचालय नहीं तो फिर इज्जत कैसे बचाते।
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'अभाव में जीवन बसर कर रही बबीता ने शौचालय बनाकर अनुकरणीय कार्य की है जो सराहनीय के साथ साथ प्रेरणादायक है। बबीता को प्रोत्साहन राशि भुगतान के लिए सारी प्रक्रिया अविलंब पूरा करते हुए भुगतान कराया जाएगा।
शत्रुंजय कुमार सिंह, प्रखंड विकास पदाधिकारी, वजीरगंज