न गाड़ी और न ही स्टाफ, कैसे बुझेगी आग
जिले में अग्निशमन केंद्रों में कर्मचारियों का घोर अभाव है। संसाधनों के अभाव से जूझ रहे अग्निशमन विभाग के सामने गर्मी का मौसम सामने है, जो अग्निपरीक्षा के कम नहीं। यदि कहीं भीषण आग भड़की तो काबू पाने में पसीने छूट जाएंगे। आग बुझाने के लिए जिले में 2
गया। जिले में अग्निशमन केंद्रों में कर्मचारियों का घोर अभाव है। संसाधनों के अभाव से जूझ रहे अग्निशमन विभाग के सामने गर्मी का मौसम सामने है, जो अग्निपरीक्षा के कम नहीं। यदि कहीं भीषण आग भड़की तो काबू पाने में पसीने छूट जाएंगे। आग बुझाने के लिए जिले में 28 फायर टेंडर और 59 दमकल कर्मी ही तैनात हैं। जिले भर में 115 कर्मियों की आवश्कता है।
अग्निशमन विभाग के सहायक फायर पदाधिकारी हनुमान राम कहते हैं, गर्मी को देखते हुए अभी से मुकम्मल तैयारी की जा रही है। छोटे से बड़े दमकल गाड़ियों की मरम्मत की जा रही है। केंद्रों में पर्याप्त संख्या में दमकल गाड़ियां हैं। पिछले वर्ष जिले भी में 330 जगहों पर आग लगी। इसको देखते हुए इस बार गर्मी से पहले ही तैयारी जोरशोर से जारी है। होली तक सभी तैयारी पूरी कर ली जाएगी।
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संकरी गलियों में
होती है परेशानी
शहर की अधिकतर गलियां संकरी हैं। ऐसे में आग लगने पर अग्निशमन कर्मियों को परेशानी अधिक होती है। हालांकि, छोटे वाहन होने से परेशानी थोड़ी कम होती है। प्रेशर पाइप से दो सौ फीट तक पानी आराम से पहुंचता है। जैसे-जैसे दूरी बढ़ती है पानी का प्रेशर कम हो जाता है। इससे आग पर काबू पाने में परेशानी आती है।
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शॉर्ट सर्किट से होती
हैं अधिक घटनाएं
अधिकतर आग लगने की घटनाएं बिजली की शॉर्ट सर्किट से होती हैं। सहायक फायर पदाधिकारी ने कहा कि मुख्य कारण जर्जर बिजली के तार हैं। हवा चलने पर जर्जर तार के आपस में टकराने से आग लगने की घटनाएं अधिक होती हैं। इस पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत है।
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ऐसे करें बचाव
आपदा प्रबंधन के आर्किट्रेक्ट प्रशांत सिन्हा कहते हैं, व्यावसायिक भवन में दो से अधिक सीढि़यां होनी चाहिए ताकि जल्द से जल्द लोग बाहर निकल सकें। आग लगने पर लिफ्ट का प्रयोग नहीं करें। भवन के निर्माण के समय ही दीवारों को फव्वारा लगाएं ताकि पानी का छिड़काव हो सके। भवन में ऑटोमेटिक फायर अलार्म अवश्य हो। यह आग लगने पर बजने लगता है और लोग समय पर सचेत हो जाते हैं। फायर सिलेंडर भी लगाएं, जिसकी हर तीन माह पर जांच कराएं।
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गर्मी के मौसम को देखते हुए खराब पड़े दमकल वाहनों की मरम्मत की जा रही है। कर्मचारियों को कमी है, जिससे परेशानी हो रही है। फिर भी आग की घटना पर काबू पाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाता है और सफलता भी मिलती है।
सुनील कुमार गुप्ता, फायर ऑफिसर
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कहां कितने वाहन
नाम - संख्या
जिला मुख्यालय - 06
बोधगया - 02
वजीरगंज - 01
मानपुर - 01
बेलांगज - 01
नीमचक बथानी - 04
टिकारी - 04
शेरघाटी - 07
रामपुर थाना - 01
मगध मेडिकल थाना - 01