केदारनाथ मार्केट की महीने मे एक बार ही होती है सफाई
गया । शहर के जीबी रोड स्थित केदारनाथ मार्केट में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। मार्केट में न तो
गया । शहर के जीबी रोड स्थित केदारनाथ मार्केट में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। मार्केट में न तो पार्किंग है और न ही पेयजल की व्यवस्था। मार्केट में पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से ग्राहक सड़क के किनारे ही वाहन खड़ा कर खरीदारी करते हैं। इसके कारण जीबी रोड हमेशा जाम रहता है। महीने में एक बार सफाई होने के कारण गंदगी का अंबार लगा रहता है। कचरे से उठने वाली बदबू से दुकानदारों के साथ ही ग्राहक भी परेशान रहते हैं। शौचालय जर्जर और गंदा रहने से लोग इसका प्रयोग करने से बचते हैं। जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण बारिश होने पर जलजमाव हो जाता है। हर माह मार्केट से नगर निगम को डेढ़ लाख रुपये किराया मिलता है। अस्थायी दुकानों से राशि वसूली को लेकर 1.10 करोड़ रुपये की निविदा हो रखी है।
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1942 में हुई थी स्थापना
मार्केट की स्थापना 1942 में हुई थी। इसका निर्माण राय बहादुर केदारनाथ प्रसाद ने करवाया था। आजादी के बाद नगर पालिका के गठन होने पर राय बहादुर केदारनाथ प्रसाद पहले अध्यक्ष बने थे। अध्यक्ष बनने के बाद मार्केट को नगर पालिका को दान में दे दिए थे। तब से मार्केट सरकार के अधीन है।
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हर दिन करोड़ों का कारोबार
मार्केट फल और सब्जी की बिक्री होती है। प्रत्येक दिन 15 से 20 ट्रक फल और सब्जियां दूसरे राज्यों से पहुंचती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से भी काफी मात्रा में सब्जियां यहां बिक्री के लिए आती हैं। सबसे बड़ा फल और सब्जी मंडी होने के कारण दिन भर ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है। प्रत्येक दिन पांच से छह करोड़ रुपये की कारोबार होता है।
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दुकानें जर्जर
नगर निगम द्वारा मार्केट में 120 दुकानों का निर्माण कराया गया है, जिसमें कई दुकानें जर्जर हो गई हैं। बारिश में छत से पानी टपकता है। निगम प्रत्येक दुकान से 1200 रुपये प्रत्येक माह किराये लेता है, लेकिन मरम्मत नहीं की जाती है।
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मार्केट में गंदगी का अंबार लगा है। इसके कारण परेशानी हो रही है। कचरे से बदबू निकलने कारण दुकान में बैठा नहीं जाता है।
मनोज कुशवाहा, व्यवसायी
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पार्किंग की व्यवस्था मार्केट में नहीं है। इसके कारण काफी परेशानी हो रही है। गाड़ी खड़ी करने को लेकर अक्सर दुकानदारों में नोकझोंक हो जाती है।
अभिषेक कुमार, व्यवसायी
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गंदगी के कारण कारोबार पर काफी असर पड़ रहा है। इसके कारण बहुत से ग्राहक मार्केट के अंदर नहीं आते है। मुख्यद्वार पर ही सामान खरीद कर लौट जाते हैं।
मो. फकरुउद्दीन, व्यवसायी
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महीने में मात्र एक दिन सफाई की जाती है। ऐसे में दुकानदार खुद ही मार्केट की सफाई कराते हैं। कोई और विकल्प भी नहीं है।
मनोज कुमार, व्यवसायी
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नगर निगम द्वारा मार्केट में झाड़ू नहीं पड़ता है। दुकानदार आपस में चंदा कर प्रत्येक दिन झाड़ू लगवाते हैं। गंदगी के कारण काफी परेशानी हो रही है।
उदय कुमार, व्यवसायी
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मार्केट में एक भी चापाकल नगर निगम द्वारा नहीं लगाया गया है। इसके चलते हमेशा पेयजल किल्लत बनी रहती है। किल्लत के कारण पानी खरीद कर पी रहे हैं।
मो. अमजद, व्यवसायी
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मार्केट में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। सफाई से लेकर शौचालय तक कुछ भी सुविधा नहीं है। शौचालय नहीं रहने काफी परेशानी हो रही है।
गणेश प्रसाद, व्यवसायी
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मार्केट में शौचालय नहीं रहने काफी परेशानी हो रही है। थोड़ी सी बारिश में जलजमाव हो जाता है। इसके कारण कई दिनों तक दुकानें बंद करनी पड़ती है।
बलभद्र प्रसाद, व्यवसायी
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मार्केट में पार्किंग की सुविधा नहीं होने कारण वाहन को इधर-उधर खड़ा करना पड़ता है। इसके कारण वाहन चोरी होने का भी भय रहता है।
छोटू प्रसाद, ग्राहक
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मार्केट में पेयजल की सुविधा नहीं होने के कारण प्यास लगने पर दुकानदार से पानी मांगना पड़ता है। इतनी बड़ी मंडी में एक चापाकल तक नहीं होना दुखद है।
राजेश कुमार, ग्राहक
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शौचालय नहीं रहने के कारण महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। शौचालय के प्रयोग लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। मार्केट में कुछ हो न हो पर एक शौचालय का निर्माण जरूरी है।
संजू देवी, ग्राहक
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मार्केट की सफाई को लेकर संवदेक को जिम्मा दिया गया है। अगर सफाई नहीं हो रहा तो पूरी तरह संवेदक जिम्मेदार हैं। पेयजल के लिए मार्केट में एक वाटर एटीएम जल्द लगेगा।
ईश्वर चंद शर्मा, नगर आयुक्त