निजी भागीदारी से इस्माइलपुर स्टेशन पर विकसित होगा नया गुड्स शेड, देश में पहली बार हो रहा ऐसा
गया के इस्माइलपुर स्टेशन पर निजी भागीदारी से गुड्स शेड को विकसित किया जा रहा है। यहां कई आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। भारतीय रेल के इतिहास में इस्माइलपुर को पहला ऐसा स्टेशन होने की बात कही जा रही है
जागरण संवाददाता, गया। पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल (डीडीयू) माल परिवहन से संबंधित टर्मिनल क्षमता को बढ़ाते हुए रेल राजस्व में वृद्धि के लिए निरंतर कार्यरत है। इसी क्रम में डीआरएम राजेश कुमार पांडेय के दिशा निर्देशन में डीडीयू मंडल के इस्माइलपुर स्टेशन पर गुड्स शेड को विकसित किया जा रहा है। भारतीय रेल में पहली बार ऐसा होने की बात कही जा रही है।
निजी फर्म को दी गई जिम्मेदारी
नए गुड्स शेड के लिए निविदा की सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी करते हुए चयनित फर्म को कार्यादेश जारी किया गया। फर्म अपने निजी निवेश से इस स्टेशन पर गुड्स शेड के आवश्यकतानुसार मर्चेंट रूम, श्रमिकों के लिए सुविधाएं, पेयजल की सुविधा आदि विकसित करेगी। साथ ही नए गुड्स शेड पर प्रदूषण नियंत्रण के उपाय (जैसे पौधारोपण, पानी का छिड़काव), साफ सफाई, रखरखाव व मरम्मत आदि भी उसी फर्म को करना होगा।वरीय मंडल वाणिज्य प्रबंधक रुपेश कुमार तथा वरीय मंडल परिचालन प्रबंधक सुधांशु रंजन के साथ मंडल के बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट की पूरी टीम के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। इस उपलब्धि में अपर मंडल रेल प्रबंधक राकेश कुमार रौशन के साथ वरीय मंडल वित्त प्रबंधक गणनाथ झा एवं मंडल वाणिज्य प्रबंधक मो. इकबाल का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।
राजस्व में होगी वृद्धि, बदलेगी सूरत
विदित हो कि निजी भागीदारी से छोटे और रोड साइड स्टेशनों पर नए गुड्स शेडों की सुविधाओं की स्थापना और मौजूदा गुड्स शेडों पर सुविधाओं को और विकसित करने की रेल मंत्रालय ने हाल ही में नीति जारी किया था। इसपर कार्य करते हुए डीडीयू मंडल के चार मौजूदा गुड्स शेड सोन नगर, मानपुर, जपला, कोशिआरा तथा नए गुड्स शेड की स्थापना के लिए इस्माइलपुर स्टेशन को चिह्नित किया है। डीडीयू मंडल तथा चयनित फर्म के संयुक्त प्रयासों से इस्माइलपुर स्टेशन पर नया शेड विकसित होने से लोडिंग/अनलोडिंग क्षमता में वृद्धि के साथ रेल राजस्व में बढ़ोतरी तथा श्रमिकों सहित अन्य के लिए नए रोजगार के अवसरों का सृजन होने की संभावना है। साथ ही आसपास के क्षेत्र के उद्यमियों, व्यापारियों व किसानों को भी अपने माल व उत्पाद के परिवहन में सुविधा होगी।