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हमारे पैसे न सरकार दे रही है न विश्‍वविद्यालय प्रशासन, कैसे करें एसएन सिन्‍हा कॉलेज का संचालन

औरंगाबाद स्थित एसएन सिन्‍हा कॉलेज के प्राचार्य ने कहा है कि नामांकन मद के करीब पांच करोड़ रुपये राज्‍य सरकार पर बकाया है। इसी तरह अन्‍य मद के 11 लाख रुपये विवि पर बकाया है। लेकिन भुगतान नहीं हो रहा।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sat, 19 Dec 2020 08:51 AM (IST)Updated: Sat, 19 Dec 2020 08:51 AM (IST)
हमारे पैसे न सरकार दे रही है न विश्‍वविद्यालय प्रशासन, कैसे करें एसएन सिन्‍हा कॉलेज का संचालन
एसएन सिन्‍हा कॉलेज का प्रशासनिक भवन। जागरण आर्काइव

जासं, औरंगाबाद। सच्चिदानंद सिन्हा महाविद्यालय कई समस्‍याओं से जूझ रहा है। ऑनलाइन व छात्राओं का निश्‍शुल्क नामांकन होने के कारण महाविद्यालय को काफी नुकसान हो रहा है। ये बातें प्राचार्य डाॅ. वेदप्रकाश चतुर्वेदी ने कही। प्राचार्य ने बताया कि स्नातक एवं स्नातकोत्तर में छात्राओं का निश्‍शुल्क नामांकन लिया जा रहा है। बिहार सरकार के अनुसार इस नामांकन का पैसा सरकार वहन करेगी और कॉलेज को देगी। इस मद में  महाविद्यालय का सरकार पर करीब पांच करोड़ रुपया बकाया है परंतु इसका भुगतान नहीं किया जा रहा है। इस स्थिति में महाविद्यालय का संचालन कैसे किया जाएगा यह सोचा जा सकता है।

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सरकार पर पांच करोड़ और विवि पर 11 लाख बकाया

इतना ही नहीं ऑनलाइन सामान्य कोटी के छात्रों का नामांकन विश्‍वविद्यालय ने लिया। नतीजा यह हुआ कि नामांकन का जो पैसा महाविद्यालय को मिलना चाहिए था वह विश्‍वविद्यालय के खाता में चला गया। इस मद के कुल 11 रुपये का बकाया विश्‍वविद्याल पर हो गया है। लेकिन लिखित एवं मौखिक तौर पर कहे जाने के बावूद विश्‍वविद्यालय से पैसे नहीं दिए जा रहे।

कॉलेज की आय का कोई स्रोत नहीं, कहां से करें शिक्षकों का भुगतान

महाविद्यालय में आय का कोई भी स्रोत नहीं रह गया है। सामान्य कोर्सों में छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए संविदा पर बहाल 17 शिक्षक हैं। 20 हजार रुपये वेतन के अलावा इनको टीए दिया जाता है। ऑनलाइन व छात्राओं का निश्‍शुल्क नामांकन होने के कारण आय बंद हो गया जिस कारण इन शिक्षकों का वेतन देना मुश्किल हो गया है। इस पर न तो विश्‍वविद्यालय प्रशासन कोई कार्रवाई कर रहा है और  ही सरकार।

आम चुनाव में कॉलेज को हुई कम क्षति

पहले मीडिया के लिए आठ लाख रुपये तक खर्च करने का आदेश था परंतु अब एक साल में दो लाख रुपये से अधिक खर्च नहीं कर सकते। इन दो लाख रुपया में एक लाख का मैगजिन एवं एक लाख रुपये का विज्ञापन एवं अन्य कार्य करना है। कहा कि पिछले चुनावों की अपेक्षा इस बार महाविद्यालय को काफी कम क्षति हुई है जिसके लिए जिला प्रशासन बधाई के पात्र है। बेहतर तरीके से कॉलेज में चुनाव का कार्य किया गया। महाविद्यालय के खेल मैदान में लगे हजारों पौधा वाहनों की पार्किंग के कारण बर्बाद हो गए हैं। प्राचार्य ने डीएम से आग्रह किया है कि वन प्रमंडल के द्वारा दो हजार फलदार पौधे लगवा दिया जाएं ताकि परिसर हरा-भरा रहे। पर्यावरण संतुलन के लिए यह काफी बेहतर है।


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