आज रात में आसमान से बरसेगा अमृत
गया। शरद पूर्णिमा बुधवार को मनाई जाएगी। इसे लेकर बाजार से लेकर घर तक तैयारी चल रही है। शहर में शरद पूर्णिमा को लेकर खाजा की मांग बढ़ी है। इस पर्व के अवसर पर खाजा की बिक्री तेज हो गई है।
गया। शरद पूर्णिमा बुधवार को मनाई जाएगी। इसे लेकर बाजार से लेकर घर तक तैयारी चल रही है। शहर में शरद पूर्णिमा को लेकर खाजा की मांग बढ़ी है। इस पर्व के अवसर पर खाजा की बिक्री तेज हो गई है। खीर के साथ खाजा का भोग भगवान को लगाया जाता है। इसके बाद इन्हें खुले आसमान के नीचे चांद की रोशनी में रखा दिया जाता है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात में अमृत की वर्षा होती है। इसी को लेकर खाजा की बिक्री होती है। खाजा में हर मिठाई से अलग खासियत होती है। खासकर गया की मिठाइयों की बात ही कुछ अलग होती है। चाहे वह लाई, तिलकुट हो या खाजा। गया का खाजा भी मशहूर है। खाजा की मांग बढ़ता देख बड़े पैमाने पद इन्हें बनाया जा रहा है। कारीगर रात-दिन काम में जुटे हुए हैं। सबसे अधिक खाजा की दुकानें शहर के रमना रोड के किनारे स्थित हैं। जहां खाजा की बिक्री खूब हो रही है। खाजा विक्रेता विजय कुमार गुप्ता ने कहा कि शरद पूर्णिमा पर खाजा की बिक्री अच्छी होती है। शहर में करीब पांच हजार किलो खाजा की बिक्री होने की उम्मीद है। यह 140 से लेकर 160 रुपये प्रतिकिलो की दर बिक रहा है। शरद पूर्णिमा को लेकर एक सप्ताह पहले से तैयारी शुरू कर दी जाती है।
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विष्णुपद मंदिर में विशेष तैयारी
शरद पूर्णिमा को लेकर विष्णुपद मंदिर में तैयारी चल रही है। विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभूलाल विट्टल ने कहा कि शरद पूर्णिमा को लेकर भगवान श्रीहरि विष्णु का विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। इसकी तैयारी चल रही है। मंदिर को रंगीन लाइटों से सजाया गया है। इसके साथ-साथ फल्गु महाआरती का आयोजन भी किया जाएगा। यह महाआरती देवघाट पर की जाएगी। जहां पांच गयापाल पुरोहित फल्गु महाआरती करेंगे। वहीं शहर के श्रीसालासर बालाजी मंदिर में शरद पूर्णिमा के अवसर पर सामूहिक सुंदरकांड पाठ, भजन एवं खीर खाजा का प्रसाद वितरण किया गया जाएगा।
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कवि सम्मेलन का आयोजन
शरद पूर्णिमा के अवसर पर कौमुदी महोत्सव के जगह कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। कवि डा. राकेश कुमार सिन्हा रवि ने कहा कि कोरोना को लेकर कौमुदी महोत्सव का आयोजन नहीं किया गया है। शहर के आजाद पार्क स्थित हिदी साहित्य सम्मेलन भवन में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इसमें चांद पर आधारित कविता पढ़ी जाएगी।