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नक्सलियों ने जंगलों में बिछा रखे हैं बारुदी सुरंग

कोबरा बटालियन के एक सब इंस्पेक्टर की शहादत के बाद सुरक्षा बल जंगलों में ताबड़तोड़ छापेमारी कर रहा है। बीते बुधवार को नक्सलियों से मुठभेड़ में कोबरा बटालियन के सब इंस्पेक्टर रौशन कुमार झा शहीद हो गए थे। यह घटना औरंगबाद जिले के मदनपुर और गया जिले के आमस सीमा क्षेत्र स्थित लंगुराही पचरुखिया के जंगल में हुई। इसका प्रमाण एक बार फिर मिला कि नक्सलियों ने जंगलों में जगह-जगह बारुद बिछा रखे हैं। रौशन इसी की चपेट में आ गए, जबकि एक अन्य जवान भी घायल हो गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 10:21 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 10:21 PM (IST)
नक्सलियों ने जंगलों में बिछा रखे हैं बारुदी सुरंग
नक्सलियों ने जंगलों में बिछा रखे हैं बारुदी सुरंग

गया। कोबरा बटालियन के एक सब इंस्पेक्टर की शहादत के बाद सुरक्षा बल जंगलों में ताबड़तोड़ छापेमारी कर रहा है। बीते बुधवार को नक्सलियों से मुठभेड़ में कोबरा बटालियन के सब इंस्पेक्टर रौशन कुमार झा शहीद हो गए थे।

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यह घटना औरंगबाद जिले के मदनपुर और गया जिले के आमस सीमा क्षेत्र स्थित लंगुराही पचरुखिया के जंगल में हुई। इसका प्रमाण एक बार फिर मिला कि नक्सलियों ने जंगलों में जगह-जगह बारुद बिछा रखे हैं। रौशन इसी की चपेट में आ गए, जबकि एक अन्य जवान भी घायल हो गया। हालांकि, इसके बाद भी जवानों ने हिम्मत नहीं हारी और नक्सलियों का पीछा करते हुए मुंहतोड़ जवाब दिया।

नक्सली पुलिस और सुरक्षा बल को निशाने पर लेने के लिए आइडी बम प्लांट कर रहे हैं। बुधवार को भी जब लंगुराही पचरुखिया जंगल में सर्च ऑपरेशन चल रहा था तो रौशन और एक अन्य जवान इसकी चपेट में आ गए। उस पर पैर पड़ते ही ब्लास्ट हुआ।

इसके बाद पहाड़ पर मौजूद नक्सलियों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी। लेकिन जवानों ने जवाबी फाय¨रग करते हुए उन्हें खदेड़ दिया। नक्सलियों द्वारा आइडी विस्फोट का यह पहला मामला नहीं है।

20 नवंबर 2010 को डुमरिया थाने के लोंदा गाव के पास नक्सलियों द्वारा लगाए गए बारूदी सुरंग को निष्क्रिय करने के दौरान बम निरोधक दस्ता के जवान अनिल कुमार सिंह व होमगार्ड के जवान बालेश्वर प्रसाद शहीद हो गए थे।

17 जनवरी 2011 को बरहा छकरबंधा जंगल में बारूदी विस्फोट के दौरान सीआरपीएफ के जवान संजय भाद्र शहीद हो गए थे, जबकि छह जवान घायल हुए थे। 10 जून 2012 को डुमरिया के छकरबंधा में माओवादियों ने रास्ते पर 85 बारूदी सुरंगों में विस्फोट किया था। इसमें सीआरपीएफ जवान धनंजय कुमार व सचिंद्र शर्मा शहीद हो गए थे, जबकि एसपी नक्सल शभु प्रसाद सहित नौ जवान घायल हुए थे।

18 अक्टूबर 2012 को भी छकरबंधा के करम स्थान के पास सीरियल बम ब्लास्ट में सीआरपीएफ के डिप्टी कमाडेंट बाके सिंह, सीआरपीएफ जवान रामजी राम, लाल बाबू साह, विक्रमादित्य यादव, अशोक निराला, राज सिंह और हनुमंत सिंह शहीद हो गए थे, जबकि आठ जवान घायल हुए थे।

24 फरवरी 2015 को नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन कर लौट रही पुलिस बस को ठकठकवा मोड़ के समीप आईडी विस्फोट कर उड़ाया गया था, जिसमें दो जवान शहीद हुए थे। करीब एक दर्जन जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे।

18 जुलाई 2016 को डुमरीनाला जंगल में औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी बाबूराम के नेतृत्व में पुलिस और सीआरपीएफ जवान हार्डकोर नक्सली संदीप यादव की तलाश में जंगल गई थी। उस समय भी नक्सलियों ने आइडी विस्फोट कर भारी क्षति पहुंचाई थी। इस हमले में एक-एक कर करीब 80 विस्फोट किए गए थे। इसमें कोबरा के 10 जवान शहीद हो गए थे। दोनों ओर से हुई मुठभेड़ में जवानों ने तीन नक्सलियों को भी ढेर किया था।

नक्सलियों ने इससे पूर्व रोशनगंज थाना के उचला गांव के समीप मुख्य मार्ग पर दिन के उजाले में विस्फोट कर रोशनगंज थाने की जीप को उड़ा दिया था। इस हमले में पुलिस के छह जवान शहीद हो गए थे। दो अन्य की भी जान चली गई थी।


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