नवादा: डायलिसिस वार्ड में अलग से डाक्टर प्रतिनियुक्ति व 24 घंटे में आरटीपीसीआर से जांच रिजल्ट देने का निर्देश
जिलाधिकारी यश पाल मीणा करुणा के तीसरे लहर को लेकर काफी सचेत हैं। वो खुद इसकी कमान संभाल रहे हैं और सरकारी अस्पतालों में घूम-घूमकर व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं ताकि मरीजों को इलाज में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। जानिये उन्होंने क्या-क्या निर्देश दिये।
संवाद सहयोगी, नवादा : कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निबटने के लिए प्रशासनिक कवायद जारी है। स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। जिलाधिकारी यश पाल मीणा स्वयं इसकी कमान संभाल रहे हैं और सरकारी अस्पतालों में घूम-घूमकर व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं, ताकि मरीजों को इलाज में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। इसी कड़ी में शनिवार को डीएम ने सदर अस्पताल का निरीक्षण किया। वेंटीलेटर वार्ड में जाकर डेमो कराया, जिससे यह जानकारी लेने की कोशिश की गई कि एक रोगी की जांच कितने समय में कितनी अच्छी तरीके से किया जा सकता है।
दस मिनट के अंदर रोगी की सभी प्रकार की जांच पूर्ण कर ली गई। पल्स रेट, हिमोग्लोबिन, सुगर, आक्सीजन लेबल इत्यादि की जांच मशीन के जरिए की गई। जिलाधिकारी स्वयं एक-एक प्रक्रिया का सूक्ष्म निरीक्षण कर रहे थे। उन्होंने उपस्थित डाक्टर एवं तकनीकी कर्मियों को कम समय में रोगियों का बेहतर इलाज के लिए कई आवश्यक निर्देश दिया।
खराब वेंटीलेंटर को 24 घंटे में कराएं दुरुस्त
सदर अस्पताल में छह में एक वेंटिलेटर कार्य नहीं कर रहा था, जिसको 24 घंटे के अंदर ठीक कराने को कहा गया। वार्ड में खराब टीवी और खराब पड़े केंट वाटर फिल्टर को छह घंटे के भीतर ठीक कराने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि एनसीडी सेेल को यथाशीघ्र खाली कराएं, जिसमें रोगियों के लिए वेंटीलेटर और बेड लगाया जा सके। डायलिसिस वार्ड में कोई डाक्टर उपस्थित नहीं थे, जिसको गंभीरता से लेते हुए उन्होंने अलग से डाक्टर प्रतिनियुक्त करने का निर्देश दिया। सदर अस्पताल की समुचित सफाई, टूटे-फूटे मशीनों, गाड़ियों को अविलम्ब हटाकर स्वच्छ कराने का निर्देश दिया।
आक्सीजन प्लांट का भी लिया जायजा
डीएम ने आक्सीजन प्लांट का भी निरीक्षण किया। प्लांट के पास चहारदिवारी की मरम्मत कराने का निर्देश दिया। प्लांट का बेहतर संचालन के लिए कई आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार मशीन को चलाना सुनिश्चित करें। सभी चिन्हित बेडों पर आक्सीजन गैस की आपूर्ति पाइप के माध्यम से सुचारू ढ़ंग से करने का निर्देश दिया। कार्यहित में कुछ डाक्टरों और डीपीएम आदि को स्थानांतरित करने का भी निर्देश दिया। कन्टेंमेंट जोन के संबंध में भी बेहतर ढंग से संचालन करने का निर्देश दिया गया।
अधिकारियों संग बैठक कर दिए कई निर्देश
जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन के कार्यालय में एक आवश्यक बैठक कर कोविड से संक्रमित मरीजों को बेहतर इलाज एवं जांच की संख्या बढ़ाने आदि को लेकर दिशा-निर्देश दिया। डीआइओ डा. अशोक कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में प्रतिदिन आरटीपीसीआर से 800 सैंपलों की जांच कराई जा रही है। वहीं विम्स में एक सैंपलों की जांच कराई जा रही है। इसके अलावा एंटीजन किट व ट्रू-नेट से भी जांच चल रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि आरटीपीसीआर से 24 घंटे में जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी जांच परिणाम शाम सात बजे तक अवश्य दे देंगे। रोगियों के हित में आवश्यक सामानों का जेम पोर्टल के माध्यम से क्रय करना सुनिश्चित करें। दूसरी लहर में रोगियों को जो चिकित्सा व्यवस्था सुलभ कराई गई थी, उससे भी बेहतर ढ़ंग से तीसरी लहर में इलाज कराना सुनिश्चित करें। केयर इंडिया, यूनिसेफ और डब्लूएचओ के प्रतिनियुक्त अधिकारियों को बेहतर ढ़ंग से कार्य करने के लिए कई आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कोविड काल में किसी को अवकाश नहीं दिया जाएगा।
4871 सैंपलों की जांच में 28 मिले संक्रमित
बैठक में बताया गया कि शनिवार को 4871 सैंपलों की जांच की गई, जिसमें 28 नए संक्रमित मिले हैं। एसीएमओ पद पर डा. अखिलेश कुमार मोहन प्रतिनियुक्त थे, जिनका स्थानान्तरण वैशाली सिविल सर्जन के पद पर हुआ है। नये एसीएमओ की नियुक्ति के संबंध में जिलाधिकारी द्वारा कई आवश्यक निर्देश दिया गया। नियंत्रण कक्ष/हेल्पलाइन में 10 टेलीफोन लगे हुए हैं, जिसमें से मात्र पांच काम कर रहा था। जिलाधिकारी ने सभी टेलीफोन को चालू करने का निर्देश दिया और कहा कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों से तीन बार फिडबैक प्राप्त करें एवं आवश्यकतानुसार दवाई पहुंचाना सुनिश्चित करें। हरिश्चन्द्र स्टेडियम में भी आपातकाल के लिए सभी सुविधिओं से सुसज्जित रोगियों के बेहतर इलाज के लिए बेड लगाने का निर्देश दिया। स्टेडियम को साफ-सफाई और आवश्यक सामानों से सुसज्जित करने के लिए सिविल सर्जन को कई निर्देश दिए गए। मौके पर सिविल सर्जन डा. निर्मला कुमारी, डीआइओ डा. अशोक कुमार, उपाधीक्षक डा. अजय कुमार, डीपीआरओ सत्येन्द्र प्रसाद, डीपीएम अमित कुमार आदि उपस्थित थे।