Navratri 2021: सभी विघ्न-बाधाओं को हरने वाली मां संकटा मंदिर में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़
Navratri 2021 मां संकटा मंदिर में प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। शहर व ग्रामीण क्षेत्र से श्रद्धालु यहां आकर पूजा-अर्चना करते हैं। अभी नवरात्र के दिनों में मां के समक्ष कलश स्थापना कर पूजा-अर्चना की जा रही है।
जागरण संवाददाता, गया। मां संकटा मंदिर में प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। शहर व ग्रामीण क्षेत्र से श्रद्धालु यहां आकर पूजा-अर्चना करते हैं। अभी नवरात्र के दिनों में मां के समक्ष कलश स्थापना कर पूजा-अर्चना की जा रही है। मां का पूजन करने से घरों में शांति, सुख व धन की वृद्धि होती है। साथ ही मां सभी संकटों को समाप्त कर देती हैं।
मंदिर का इतिहास
मंदिर के निर्माण के बारे में किसी को कोई पता नहीं है कि कब हुआ है? कुछ लोग कहते हैं कि मंदिर द्वापरकाल का है तो कुछ कहते हैं कि मां मंगलागौरी मंदिर के निर्माण के समय इस मंदिर का भी निर्माण हुआ था। मान्यता है कि महाभारत युद्ध में पांडवों को विजय दिलाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने मां संकटा से सहायता ली थी।
मंदिर की वास्तुकला
मंदिर की वास्तुकला पूरी तरह से शक्तिपीठ के आकर की है। मंदिर के गर्भगृह का दरवाजा काफी छोटा है। पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं को काफी झुककर गर्भगृह में जाना पड़ता है। मंदिर में बड़े काले पत्थर का शिवङ्क्षलग स्थापित थे।
कैसे पहुंचें मंदिर
मंदिर शहर की दक्षिण दिशा में लखनपुरा में फल्गु नदी के तट पर स्थित है। साथ ही गया-मानपुर बाईपास मार्ग से सटा है। श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। विष्णुपद मंदिर की तरफ से भी श्रद्धालु मंदिर में पहुंच सकते हैं।
पुजारी विंदेश्वरी पांडेय ने बताया कि श्रद्धाभाव से मां संकटा की पूजा करने से मनोकामना पूर्ण होती है। यहां मां की पूजा लाल वस्तु से करने की मान्यता है। मां के दरबार से कोई भी श्रद्धालु खाली हाथ नहीं लौटते हैं।
श्रद्धालु पुष्पा कुमारी कहती हैं, मां संकटा की पूजा-अर्चना प्रत्येक दिन करती हूं। नवरात्र में नौ दिनों तक मां की विशेष पूजा करते हैं। मां की कृपा से मेरे पास आज सबकुछ है। श्रद्धाभाव से पूजा करने से मां सभी के संकट दूर कर देती हैं।