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फल्गु में भी बहने लगी है मोदी की बयार

नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा को कवर करने पटना से चला तो मन के अंदर कई तरह की उलझन थी। गया और आसपास के चुनावी हलचल की जानकारी के लिए गया के कुछ मित्रों को फोन किया तो टिकट बंटवारे और प्रत्याशी को लेकर कई तरह की निगेटिव बातें बताई गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 02:37 AM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 02:37 AM (IST)
फल्गु में भी बहने लगी है मोदी की बयार
फल्गु में भी बहने लगी है मोदी की बयार

सुभाष पांडेय, पटना

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नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा को कवर करने पटना से चला तो मन के अंदर कई तरह की उलझन थी। गया और आसपास के चुनावी हलचल की जानकारी के लिए गया के कुछ मित्रों को फोन किया तो टिकट बंटवारे और प्रत्याशी को लेकर कई तरह की निगेटिव बातें बताई गई। किसी ने कहा भाजपा ने सीट जदयू के झोली में दे दिया है लोगों में नाराजगी है। लोग नोटा में वोट देने को कह रहे हैं। रास्ते भर इसी तरह से जोड़ गणित करते करीब तीन बजे गया के गांधी मैदान पहुंचा।

यहां पीएम की सभा के लिए डयूटी पर नालंदा से आए पुलिसकर्मीे मुलाकात हुई। चुनाव के बारे में पूछने पर एक सांस में कहने लगे- औरंगाबाद या नालंदा जैसी स्थिति यहां नहीं है। सब कुछ मोदी के भरोसे है। भरी दुपहरी में काशीनाथ मोड़ से जब सभा स्थल गांधी मैदान की ओर बढ़ते हैं और वहां मैदान के अंदर घुसने के लिए अलग अलग गेटों पर लम्बी लाइन और वीआईपी गेट नंबर दो पर भी पर धक्कम धुक्की को देख कर पहले तो लगा कि विरोधी लोग सभा को अव्यवस्थित करने आ गए हैं लेकिन जैसे ही मैदान में पहुंचा और वहां का माहौल देखकर पुलिसकर्मी की बातों में कोई दम ही नहीं लगा।

गया शहर पारम्परिक रूप से भाजपा का गढ़ रहा है। जब भाजपा के देश में दो सांसद हुआ करते थे। उस वक्त भी गया ने भाजपा के ईश्वर चौधरी को चुन कर भेजा था। मंत्री प्रेम कुमार 90 से लगातार यहां से विधानसभा के लिए चुने जाते रहे हैं। टिकट बटवारे में यह सीट जदयू के कोटे में चली गई है। लेकिन मैदान में चारों तरफ भाजपा के बड़े बडे़ झंडा और केसरिया टोपी पहने कार्यकर्ता ही दिखाई पड़ रहे थे। मैदान की भीड़ से तो ऐसा लग रहा था मानो यहां से जदयू का प्रत्याशी नहीं बल्कि भाजपा का कोई चुनाव लड़ रहा हो।

गया में प्रधानमंत्री की इस चुनावी रैली में युवाओं का उत्साह देखते बन रहा था। अपने चहेते नेता की झलक करीब से देखने की ललक में मंच तक पहुंचने की होड़ में कुर्सियां उछाली गई। लेकिन जैसे ही मोदी मंच पर पहुंचे सब कुछ थम गया। बीच बीच में मोदी.. मोदी..मोदी की करतल ध्वनि अवश्य उनके भाषण में व्यवधान डालती रही।


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