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मनरेगा विभाग भी फ्लोराइड तत्वों के क्षय के लिए लगाएगा सहजन व आंवला का पौधा, 233 वार्ड प्रभावित

रामगढ़ प्रखंड को छोड़ शेष सभी प्रखंडों के कुल 233 वार्ड फ्लोराइड प्रभावित हैं। जहां का पानी लोगों की सेहत के लिए काफी खतरनाक है। इन वार्डों में लंबे समय से चापाकल या अन्य पेयजल स्रोतों से प्राप्त जल के सेवन से मानव की हड्डियां प्रभावित हो सकती हैं।

By Prashant KumarEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 04:15 PM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 04:15 PM (IST)
मनरेगा विभाग भी फ्लोराइड तत्वों के क्षय के लिए लगाएगा सहजन व आंवला का पौधा, 233 वार्ड प्रभावित
मनरेगा के तहत लगाए जाएंगे फलदार वृक्षों के पौधे। जागरण।

भभुआ, जेएनएन। कैमूर जिले के रामगढ़ प्रखंड को छोड़ शेष सभी प्रखंडों के कुल 233 वार्ड फ्लोराइड प्रभावित हैं। जहां का पानी लोगों की सेहत के लिए काफी खतरनाक है। इन वार्डों में लंबे समय से चापाकल या अन्य पेयजल स्रोतों से प्राप्त जल के सेवन से मानव की हड्डियां प्रभावित हो सकती हैं। साथ ही गर्भवती के बच्चे पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

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दांतों को भी क्षति पहुंचाते हैं फ्लोराइड तत्‍व

दांतों को भी फ्लोराइड तत्व काफी क्षति पहुंचाते हैं। इसके अलावा पर्यावरण में भी इसका बुरा प्रभाव होता है। इन सब गंभीर समस्याओं को ध्यान में रखते हुए पीएचइडी विभाग द्वारा इन वार्डों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लगाई गई पानी टंकी में रिमूवर मशीन लगाई गई है। उधर अब इस समस्या से निजात पाने के लिए मनरेगा विभाग ने भी कवायद शुरू कर दी है। मनरेगा योजना के तहत इन वार्डों में सहजन व आंवला के पौधे लगाए जाएंगे। मनरेगा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार फ्लोराइड रसायन की अधिकता के कारण इन क्षेत्रों के लोग फ्लोराइड बीमारी से पीड़ित या प्रभावित पाए जाते हैं। इसे देखते हुए फ्लोराइड प्रभावित आबादी में फ्लोराइड तत्वों का क्षय करने के लिए सहजन व आंवला के पौधे लगाने की योजना है।

लगाए जाएंगे इन फलों के पौधे

मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि सरकार के निर्देश के आलोक में पौधारोपण में विशेष प्रकार के पौधे लगाना है। इसमें सहजन, आंवला, अमरुद, नींबू, घाघर आदि के पौधे आते हैं। उन्होंने बताया कि जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में फ्लोराइड तत्व अधिक पाए जा रहे हैं। वहीं जिले के रामगढ़ प्रखंड के पेयजल स्रोतों में फ्लोराइड तत्व कम पाया गया है। पीएचइडी विभाग के अनुसार जिले के पहाड़ी प्रखंड में कुल 184 वार्ड फ्लोराइड प्रभावित है। जबकि जिले के मैदानी इलाकों में 49 वार्ड फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्र में आते हैं। उन्होंने कहा कि सभी प्रखंडों को देखा जाए तो अधिकांश पहाड़ी इलाके में ही फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्र के वार्ड हैं।

प्रखंडवार फ्लोराइड प्रभावित वार्डों की संख्या

अधौरा- 23

भभुआ- 53

भगवानपुर 31

चैनपुर 38

चांद- 15

दुर्गावती 15

कुदरा - 18

मोहनिया - 13

नुआंव -13

रामगढ़ 0

रामपुर 24


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