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लाखों की मशीनें खा रहीं जंग, कचरे की बदबू से शहर परेशान

नगर निगम समय रहते नहीं चेता तो एक दिन शहर कचरों से ढक जाएगा। शहर से प्रत्येक दिन 250 मीट्रिक टन कचरे का उठाव किया जा रहा है। इसके निष्पादन के लिए निगम 50 लाख रुपये से पांच मशीनें खरीद रखी हैं लेकिन ये एक दिन भी नहीं चली। निगम द्वारा कचरा रखने के लिए नैली में डंपिंग एरिया है। प्रत्येक दिन सैकड़ों वाहन से यहां कचरे डंप किए जा रहे हैं। निष्पादन नहीं होने से चारों तरफ कचरे का ढेर लगा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 07:18 PM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 10:12 PM (IST)
लाखों की मशीनें खा रहीं जंग,  कचरे की बदबू से शहर परेशान
लाखों की मशीनें खा रहीं जंग, कचरे की बदबू से शहर परेशान

गया । नगर निगम समय रहते नहीं चेता तो एक दिन शहर कचरों से ढक जाएगा। शहर से प्रत्येक दिन 250 मीट्रिक टन कचरे का उठाव किया जा रहा है। इसके निष्पादन के लिए निगम 50 लाख रुपये से पांच मशीनें खरीद रखी हैं, लेकिन ये एक दिन भी नहीं चली। निगम द्वारा कचरा रखने के लिए नैली में डंपिंग एरिया है। प्रत्येक दिन सैकड़ों वाहन से यहां कचरे डंप किए जा रहे हैं। निष्पादन नहीं होने से चारों तरफ कचरे का ढेर लगा है। हालांकि, कचरे के निष्पादन को लेकर नगर निगम ने कई बार कार्य योजना बनाई, लेकिन सिर्फ कागज पर सिमट कर रह गई।

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कचरे के निष्पादन का बाहरी टीम ने जायजा भी लिया था, लेकिन अभी तक निष्पादन कार्य नहीं किया गया। शहर में कचरे का उठाव में 77 टैंपू, 26 ट्रैक्टर, 40 हैपर, छह हाईवा, तीन जेसीबी, तीन मिनी लोडर एवं 11 सौ मजदूर लगते हैं। शहर के कचरा नैली स्थित डंपिंग एरिया में जाता है। वहा गीले कचरे से जैविक खाद बनाने के लिए शेड भी बना है, लेकिन यह महज दिखावा है।

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कोई पहल नहीं

नगर निगम के नैली स्थित कचरा डंपिंग एरिया 33 एकड़ में फैला हुआ है। प्रत्येक दिन यहां सैकड़ों वाहनों से कचरा डंप किया जा रहा है। पिछले वर्ष दिसबंर में बोर्ड एवं सशक्त समिति की बैठक में डिप्टी मेयर ने कहा था कि कचरे के ढेर को एक स्थान पर इकट्ठा किया जाएगा। केमिकल डालकर लघु रूप में बदला जाएगा। उसके बाद कोलकाता से घास लाकर कचरे के उपर लगा जाएगा। इससे पूरा डंपिंग क्षेत्र हरा-भरा दिखाई पड़ेगा। 11 माह गुजरने के बाद भी डंपिंग क्षेत्र की स्थिति और बदतर हो गई है।

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आसपास के लोगों

का जीना मुश्किल

डंपिंग क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोगों को जीना मुश्किल होता जा रहा है। कचरे से अधिक बदबू के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है। वहीं, असामाजिक तत्वों द्वारा कचरे के ढेर में आग लगाने के कारण लोगों की परेशानी हो रही है। प्रदूषित धुंए से परेशानी हो रही है। कचरे में कई दिनों तक आग लगे होने लोगों को सांस लेने में भी परेशानी होती है।

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एक साल से मशीन

में लग रही जंग

गीले कचरे के निष्पादन को लेकर नगर निगम पांच मशीन की खरीदारी कर रही है। इनमें से तीन मशीन विष्णुपद श्मशान घाट एवं दो मशीन अक्षयवट पिंडवेदी के पास लगी है। अगर मशीन चालू रहती तो प्रत्येक दिन सौ टन कचरे का निष्पादन होता है।

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कचरे के निष्पादन को लेकर जल्द निविदा निकाली जाएगी। इसके लिए सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। साथ ही गीले कचरे के निष्पादन को लेकर पांचों मशीनों को चालू किया जाएगा। विष्णुपद श्मशान घाट पर लगी मशीन को पितृपक्ष में चालू किया गया है। लेकिन पर्याप्त मात्रा में गीले कचरे नहीं मिलने के कारण मशीन बंद है।

सावन कुमार, नगर आयुक्त


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