रोहतास में 52.17 लाख की लागत से बनेगा औषधीय पार्क, रोजगार और पर्यटन बढ़ने से मिलेगा फायदा
जिले में वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा औषधीय पौधों को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। इस अभियान को बढ़ावा देने के लिए तिलौथू प्रखंड कैमूर पहाड़ी की वादी में स्थित तुतला भवानी धाम परिसर में औषधीय पार्क बनाया जाएगा। निर्माण पर 52.17 लाख खर्च होंगे।
जागरण संवाददाता, सासाराम : रोहतास।प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण जिले के दक्षिणी इलाके में औषधीय पार्क निर्माण के निर्णय से औषधीय पौधों की उपयोगिता अब जन-जन तक बढ़ जाएगी। जिले में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा औषधीय पौधों को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। इस अभियान को बढ़ावा देने के लिए तिलौथू प्रखंड कैमूर पहाड़ी की वादी में स्थित तुतला भवानी धाम परिसर में औषधीय पार्क का निर्माण किया जाएगा। इसके निर्माण पर 52.17 लाख रुपये खर्च होंगे।
अधिकारियों की मानें तो औषधीय पार्क की स्थापना जल जीवन, हरियाली मिशन के तहत की जाएगी। जहां पर आंवला, हर्रे, बहेरा समेत अन्य औषधीय प्रजाति के पौधे होंगे। पार्क के निर्माण पर वन विभाग लगभग 52.17 लाख रुपये खर्च करेगा, जिसकी प्रशासनिक स्वीकृति भी मिल गई है। डीएफओ प्रद्युम्न गौरव की माने तो वन विभाग द्वारा तुतला भवानी धाम को इको पार्क के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। तुतला भवानी धाम में औषधीय पार्क निर्माण की स्वीकृति मिल गई है। पार्क निर्माण पर 52.17 लाख रुपये खर्च होंगे। खर्च होने वाली राशि की प्रशासनिक स्वीकृति विभाग ने दे दी है।
औषधीय पार्क से जहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं बड़े पैमाने पर रोजगार भी मुहैया होगा। औषधीय पार्क में सुगंधित हर्ब गार्डन, स्पाइस हर्ब, किचन हर्ब, सजावटी जड़ी बूटी उद्यान, कास्मेटिक हर्ब , सिंचाई नेटवर्क और सूक्ष्म सिंचाई व्यवस्था, जड़ी बूटी प्रसंस्करण, जड़ी बूटी तेल इकाई, हर्ब्स आयल यूनिट, आंवला जूस प्रोसेसिंग यूनिट, आंवला कैंडी बनाने की इकाई, एलोवेरा जेली और जूस प्रोसेसिंग यूनिट, जिंजर व हल्दी सुखाने की इकाई, हर्बल शैम्पू और साबुन बनाने की इकाई, हर्ब्स स्टोरेज कूलिंग यूनिट, जड़ी बूटी संरक्षण इकाई, जैविक उर्वरक उत्पादन इकाई समेत अन्य सुविधाएं हर्बल पार्क में उपलब्ध कराई जाएगी।
तैनात होंगे आयुष चिकित्सक :
हर्बल पार्क के लिए तीन आयुष चिकित्सक की तैनाती भी की जाएगी। वे औषधीय पौधों की गुणवत्ता व इलाज की व्यवस्था भी सुनिश्चित करेंगे। औषधीय पौधों से इलाज के लिए लोगों को प्रेरित भी किया जाएगा।