रामगढ़ में बिजली बिल नहीं जमा होने से कई जलापूर्ति योजना बंद
मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत लगी जलापूर्ति योजना वार्ड सदस्यों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। यह योजना बिजली बिल नहीं जमा होने के कारण मृतप्राय होती जा रही है। बकाया बिजली को लेकर लाइन डिस्कनेक्ट होने से जलापूर्ति योजना बंद हो गई है।
संवाद सूत्र, रामगढ़: मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत लगी जलापूर्ति योजना वार्ड सदस्यों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। यह योजना बिजली बिल नहीं जमा होने के कारण मृतप्राय होती जा रही है। बकाया बिजली को लेकर लाइन डिस्कनेक्ट होने से जलापूर्ति योजना बंद हो गई है। प्रखंड में करीब 40 प्रतिशत नल जल योजना बिजली बिल के जमा नहीं करने से बंद है। जिस कारण लोगों के हलक तर करने में काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। कहीं एक माह का पांच हजार से लेकर छह हजार तक मासिक बिजली बिल आ रहा है।
वार्ड सदस्यों ने कहा कि एक तरफ सरकार का कहना है कि एक दिन में छह घंटे नल जल योजना का संचालन कर हर घर को पानी पहुंचाना है। जब छह घंटे संचालन होता है तो इतना अधिक बिजली बिल कैसे आ रहा है। जो वार्ड सदस्यों के लिए असहनीय है। इस गंभीर समस्याओं को लेकर विभाग को कई बार लोग अवगत करा चुके हैं। लेकिन विभाग इस पर कोई कार्रवाई अबतक नही कर सका।
सरकार के निर्देशानुसार एक जलापूर्ति योजना से 150 से 200 घरों तक पानी का कनेक्शन देने का कार्य किया जाना था। लेकिन बहुत कम ही जगहों पर ऐसा मिला है। बाकी जगहों पर कनेक्शन आज तक नहीं हो सका है। इसके लिए 35 रुपये प्रति घर से एक माह का किराया के तौर पर लेना है। इसका संचालन वार्ड सदस्य को करना है। सिसौड़ा पंचायत की वार्ड सदस्य निशा देवी तथा इसी पंचायत के वार्ड पांच के महेश गिरी आदि सदस्यों ने बताया कि अबतक हम नव निर्वाचित वार्ड सदस्यों को प्रभार पुराने वार्ड सदस्यों द्वारा हस्तगत नहीं होने से कार्य करने में परेशानी हो रही है।
प्रखंड स्तर से लिखित प्रभार का पत्र को जारी हुए दो माह बीत जाने के बाद भी अभी तक वार्ड सदस्यों को प्रभार, नलजल का प्राप्त नहीं हुआ है। जबकि वार्ड सदस्यों को शपथ लिए हुए आठ माह से ऊपर हो गया है। कई पूर्व वार्ड सदस्य तो अपने कार्यकाल का बिजली बिल का बकाया होने के कारण लिखित प्रभार नही दे रहे हैं। जबकि वे लोग 35 रुपये प्रति घर नल जल संचालन की राशि भी वसूलें हैं। फिर भी बिजली बिल जमा नहीं किए हैं।