महंगाई व बेरोजगारी के खिलाफ महागठबंधन कार्यकर्ताओं ने शहर में किया प्रतिरोध मार्च
गया। महागठबंधन में शामिल दलों ने महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और गया को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर रविवार को शहर में प्रदर्शन व प्रतिरोध मार्च निकाला। इसमें राजद, कांग्रेस, भाकपा-माले, सीपीआइ, भाकपा के काफी संख्या में कार्यकर्ता एवं विधायक शामिल थे। महंगाई के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए गरीब-मजदूर-किसान-छात्र विरोधी बताया। प्रतिरोध मार्च में विधायक डा. सुरेंद्र प्रसाद यादव, विनय यादव, मंजू अग्रवाल, सर्वजीत कुमार, कुमार नागेंद्र, जिलाध्यक्ष मुर्शीद आलम, महानगर अध्यक्ष जितेंद्र कुमार, युवा जिलाध्यक्ष प्रवीण पासवान, जिला प्रवक्ता जुगनू यादव आदि ने एक सुर से केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों का विरोध किया और कार्यक्रम में अधिक से अधिक भागीदारी के लिए आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि देश के संविधान और लोकतंत्र पर गंभीर खतरा है और इसे बचाने के लिए सबको आगे आना होगा। प्रतिरोध मार्च शहर के गांधी मैदान से निकलकर रायकाशी नाथ मोड, आंबेडकर मार्केट, कचहरी, जिलाधिकारी कार्यालय, जीबी रोड, केदारनाथ मार्केट, छत्ता मस्जिद, कोतवाली, केपी रोड होते हुए टावर चौक पहुंचा। जहां प्रतिरोध मार्च सभा में बदल गया। वहीं भाकपा के राज्य सचिव मंडल के सदस्य अखिलेश कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले समय में मोदी सरकार को उखाड़ फेंकना होगा, नहीं तो देश गोलवरकर और सावरकर के विचारों का गुलाम हो जाएगा। वहीं भाकपा-माले जिला सचिव निरंजन कुमार ने कहा कि आम आदमी पर बोझ बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने खानेपीने के 25 किलो से कम वजन के सामान पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाना गरीबों को और भी संकट में डालने वाला फैसला है। नाकामी को छुपाने के लिए ईडी और सीबीआइ के द्वारा विपक्ष के नेताओं को झूठे मामले में फंसाकर निशाना बनाया जा रहा है। इंकलाबी नौजवान सभा राज्य उपाध्यक्ष तारिक अनवर ने कहा कि रोजगार देन के नाम पर यह सरकार छात्रों को जेल भेज रही है। बिहार के नौजवान रोजगार के लिए धक्के खा रहे हैं, पुलिस की लाठियां खा रहे हैं। ऐपवा जिला सचिव रीता वर्णवाल ने कहा कि महंगाई का सबसे अधिक बोझ महिलाओं पर पड़ रहा है। गैस सिलेंडर के दाम आसमान छू रहे हैं। मोदी सरकार ने महिलाओं को ठगने का काम किया है।