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Nabinagar Election 2020 : औरंगाबाद के चित्‍तौड़गढ़ में जदयू के किले को भेदने की महागठबंधन के समक्ष होगी चुनौती

Nabinagar Election News 2020 औरंगाबाद के नवीनगर विधानसभ्‍ाा सीट पर जदयू प्रत्‍याशी तीसरी पारी खेलने उतरे हैं। लगातार दो बार से विधायक बनते आ रहे वीरेंद्र कुमार सिंह के समक्ष महागठबंधन के राजद प्रत्‍याशी विजय कुमार सिंह मैदान में डट गए हैं।

By Bihar News NetworkEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 05:44 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 10:09 PM (IST)
Nabinagar Election 2020 : औरंगाबाद के चित्‍तौड़गढ़ में जदयू के किले को भेदने की महागठबंधन के समक्ष होगी चुनौती
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जेएनएन, औरंगाबाद। Nabinagar Election 2020 :ऐसे तो औरंगाबाद जिले को ही राज्य का चितौडग़ढ़ माना जाता है। पर नवीनगर विधानसभा क्षेत्र को खासकर जिले का चितौडग़ढ़ कहा जाता है। यहां कुल 13 प्रत्याशी है लेकिन लड़ाई आमने-सामने की मानी जा रही है। एनडीए से जदयू विधायक वीरेंद्र कुमार सिंह हुंकार भर रहे हैं। वहीं महागठबंधन से पूर्व विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह राजद प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक रहे हैं। यहां से लोजपा ने विजय कुमार सिंह को उतारा है। प्रमुख मुद्दे की बात करें तो नवीनगर को अनुमंडल बनाने की मांग पिछले दो-तीन चुनावों से होती आ रही है। साथ ही यहां बड़ी बिजली परियोजना के बावजूद स्थानीय लोगों को उसका लाभ नहीं मिल रहा है। यहां आज शांतिपूर्ण ढंग से वोटिंग हुआ।

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पिछले दो चुनावों से लगातार जदयू के वीरेंद्र कुमार सिंह यहां से जीत रहे हैं। ऐसे में इस बार पार्टी के लिए हैट्रिक लगाने की चुनौती है। 1995 के चुनाव में इस सीट से जनता दल के वीरेंद्र कुमार सिंह के सिर जीत का सेहरा सजा था। राजद के भीम कुमार यादव यहां से 2000 में जीते। उन्होंने 2005 में भी लोजपा के विजय कुमार सिंह यहां से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद 2010 और 2015 में हुए चुनाव में जदयू ने यहां कब्जा जमाया। 2010 के चुनाव में जदयू के वीरेंद्र कुमार सिंह ने राजद के विजय कुमार सिंह को हराया था। 2015 में वीरेंद्र कुमार सिंह ने भाजपा के गोपालनारायण सिंह को मात दी थी। आज यहां मतदान हुआ।

सात बार कांग्रेस प्रत्याशियों ने मारी है बाजी

नवीनगर विधानसभा सीट पर पहला चुनाव 1951 में हुआ था। कांग्रेस के टिकट पर अनुग्रह नारायण सिंह जीते। 1957 में कांग्रेस के ही देवधारी राम को जीत मिली। इसके बाद 1962 और 1967 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में सत्येंद्र नारायण सिन्हा निर्वाचित होते रहे। 1969 में सीपीआइ के महावीर प्रसाद अकेला ने कांग्रेस  से यह सीट छीन ली। इसके बाद एनसीओ और जेएनपी के टिकट पर 1972 और 1977 के चुनाव में युगल सिंह जीते। कांग्रेस ने इसके बाद वापसी की। लगातार तीन चुनावों 1980, 1985 और 1990 रघुवंश प्रसाद सिंह ने जीत की हैट्रिक लगाई।

अब तक रहे विधायक

1951 अनुग्रह नारायण सिंह कांग्रेस

1957 देवधारी राम कांग्रेस

1962 सत्येंद्र नारायण सिन्हा कांग्रेस

1967 सत्येंद्र नारायण सिन्हा कांग्रेस

1969 महावीर प्रसाद सीपीआइ

1972 युगल सिंह एनसीओ

1977 युगल सिंह जेएनपी

1980 रघुवंश प्रसाद सिंह कांग्रेस

1985 रघुवंश प्रसाद सिंह कांग्रेस

1990 रघुवंश प्रसाद सिंह कांग्रेस

1995 वीरेंद्र कुमार सिंह जनता दल

2000 भीम कुमार यादव राजद

2005 विजय कुमार सिंह लोजपा

2010 वीरेंद्र कुमार सिंह जदयू

2015 वीरेंद्र कुमार सिंह जदयू

कुल मतदाता 2 लाख 65 हजार 883

पुरुष मतदाता 1 लाख 44 हजार 576

महिला मतदाता 1  लाख 21 हजार 307


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