Move to Jagran APP

महादलित दुष्‍कर्म पीड़ि‍ता भटकती रही एक से दूसरे थाने, गया एसएसपी के निर्देश पर हुई प्राथमिकी

बोधगया थाना क्षेत्र में एक महादलित के साथ दुष्‍कर्म की घटना हुई थी। इसकी प्राथमिकी के लिए पीड़ि‍ता इस थाने से उस थाने का चक्‍कर लगाती रही। अंत में एसएसपी के निर्देश पर मामले की एफआइआर महिला थाने में की गई।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 06:43 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 06:43 AM (IST)
महादलित दुष्‍कर्म पीड़ि‍ता भटकती रही एक से दूसरे थाने, गया एसएसपी के निर्देश पर हुई प्राथमिकी
दुष्‍कर्म की प्राथमिकी दर्ज करने में पुलिस ने बरती उदासीनता। प्रतीकात्‍मक फोटो

नीरज कुमार, गया। प्रशिक्षण के दौरान पुलिस पदाधिकारियों को शपथ दिलाई जाती है कि दलित, गरीब, दबे-कुचले को उचित न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे। ट्रेनिंग लेने के बाद कुछ समय तो शायद पुलिस पदाधिकारी को ये बातें याद रहती हैं। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जाता है, पुरानी बातें कुछ पदाधिकारी भूल जाते हैं। यह वजह है कि महादलित परिवार की बच्ची न्याय के लिए थाना दर थाना भटकती रहती है। हालांकि पुलिस कप्‍तान के निर्देश पर महिला थाना ने उसे आसरा दिया। तब उसे न्याय की आस जगी। यह मामला बोधगया थाना क्षेत्र का है।

loksabha election banner

बोधगया थाने में कहा गया-महिला पुलिस अधिकारी नहीं हैं

तरराष्ट्रीय स्थल ज्ञान की भूमि बोधगया की रहने वाली महादलित के साथ दुष्कर्म जैसा घृणित कार्य किया गया। बीते सप्ताह वारदात के बाद पीड़‍िता सबसे पहले बोधगया थाना पहुंची थी। लेकिन वहां यह कहते हुए उसकी बात नहीं सुनी गई कि महिला पुलिस पदाधिकारी नहीं हैं। अब यह यक्ष प्रश्‍न है कि क्या महिला पुलिस पदाधिकारी जिस थाना में नहीं रहेगी तो क्या दुष्कर्म की प्राथमिकी भी नहीं होगी। जबकि पुलिस मेनू में कहा गया है कि कोई भी मामला में किसी थाने में दर्ज हो सकत है। परंतु ऐसा नहीं हुआ।

एससी-एसटी थाने में भी नहीं सुनी गई महादलित की बात 

महादलित को न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा एससी-एसटी थाना बनाया गया है। जहां सिर्फ महादलित की बात सुनी जाएगी। तीन दिन पूर्व पीड़‍िता एससी-एसटी थाने पहुंची थी। वहां भी उसकी बात नहीं सुनी गई। एक तो इतनी बड़ी पीड़ा ऊपर से व्‍यवस्‍था का दंश वह पूरी तरह निराश हो गई। तब वह गया के पुलिस कप्तान आदित्य कुमार के ऑफिस पहुंची। पुलिस कप्तान ने इसका संज्ञान लिया। उन्होंने तत्काल बोधगया के मामले पर गंभीरता दिखाते हुए महिला थाने की पुलिस पदाधिकारी को निर्देशित किया। तब जाकर गुरुवार को महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई। पीड़‍िता ने बोधगया थाना क्षेत्र के आनंद कुमार को दुष्कर्म मामले में आरोपित किया है।  इसकी तलाश पुलिस कर रही है।

एसएसपी साहेब, आपको ऐसे पुलिसवालों की नकेल कसनी होगी

अब सवाल यह उठता है कि एक महादलित को न्याय के लिए पहले बोधगया थाना और उसके बाद एससी-एसटी थाना का चक्कर लगाना पड़ा। फिर भी उनकी बात इन दोनों थाना में नहीं सुनी गई। पुलिस की इस तरह की कार्यप्रणाली से आम लोग और पीड़‍ित परिवार में असंतोष फैलता है। इस तरह की व्यवस्था पर पुलिस कप्तान को संज्ञान लेना होगा। अगर कोई भी पुलिस पदाधिकारी पीडि़ता का मामला दर्ज नहीं करते हैं, तो उन पर पुलिस नियमानुसार कार्रवाई होना चाहिए। वैसे पदाधिकारी को एक बार फिर से प्रशिक्षण दिलाने की जरूरत है। महादलित को हर स्तर पर न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार और पुलिस मुख्यालय पहले से ज्यादा गंभीर है। लेकिन लापरवाही जिलास्तरीय पुलिस पदाधिकारी बरत रहे हैं। जिस पर शिकंजा कसने की जरूरत है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.