मगध मेडिकल बनेगा एक हजार बेड वाला अस्पताल
-मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को प्राक्कलन तैयार करने का दिया निर्देश --------- दर्द और दवा - भर्ती मरीजों और परिजनों से की बात हर स्तर पर सहायता का आश्वासन -बीमार पड़ने के कारण जानने को मरीजों की सूक्ष्मता से करें जांच जागरण संवाददाता गया
गया । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को लू के मरीजों से मिलने के लिए गया स्थित मगध मेडिकल कॉलेज व अस्पताल पहुंचे। उनके साथ उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी थे। मरीजों और उनके परिजनों से हालचाल लेने के बाद अधिकारियों के साथ उन्होंने वस्तुस्थिति की समीक्षा की। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एएनएमएमसीएच) को एक हजार बेड क्षमता वाले अस्पताल के रूप में विकासित करने के लिए प्राक्कलन तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जो भी मरीज भर्ती हैं उनकी सूक्ष्मता से जांच करें ताकि पता चल सके कि तबीयत कैसे खराब हुई। अन्य बीमारियों के लक्षण तो नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लू से मरने वाले लोगों को जल्द से जल्द सत्यापन करा लें ताकि उनको आपदा से संबंधित अनुदान की राशि शीघ्र मिल सके।
मुख्यमंत्री ने लू से जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। अस्पताल में भर्ती मरीजों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। कई मरीजों के परिजनों से उन्होंने बात भी की और हर स्तर पर सहायता का आश्वासन दिया।
इससे पहले गया एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर के लैंड करने से पहले ही अस्पताल परिसर में तमाम इंतजाम दुरुस्त कर लिए गए थे। पुलिस-प्रशासन के अफसरों के साथ अस्पताल के प्रबंधन से जुड़े लोग मुस्तैद थे। अपने सवालों पर सकारात्मक जवाब पाकर मुख्यमंत्री भरसक संतुष्ट दिखे। लू के मरीजों की उचित चिकित्सा और उनके परिजनों की सहायता के साथ मेडिकल कॉलेज में समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है।
इस दौरान शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा, सासंद विजय कुमार मांझी, विधायक राजीव दांगी, विधान पार्षद मनोरमा देवी, मुख्य सचिव दीपक कुमार, प्रधान सचिव स्वास्थ्य संजय कुमार, प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण जीतेंद्र श्रीवास्तव, मगध प्रमंडल के आयुक्त पंकज कुमार पाल, मगध रेंज के डीआइजी विनय कुमार, जिलाधिकारी अभिषेक सिंह, औरंगाबाद के जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल, नवादा के जिलाधिकारी कौशल कुमार, मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद, प्राचार्य डॉ. एचजी अग्रवाल सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकार मौजूद थे।
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स्वच्छता पर विशेष
ध्यान देने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि खुले में शौच से मुक्ति एवं पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध हो जाए तो 90 प्रतिशत बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगी। स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए लोगों को निरंतर जागरुक करते रहने की भी आवश्यकता है।
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