कोरोना अस्पताल बनने से मगध मेडिकल की बढ़ी जिम्मेदारी, पॉजिटिव गंभीर मरीजों के लिए लेबल थ्री वार्ड
-540 वार्ड मेडिकल अस्पताल में -210 चिकित्सक हैं सेवारत -------- -अगले आदेश तक मेडिकल में सिर्फ पॉजिटिव मरीज ही होंगे भर्ती -अलग-अलग तीन श्रेणियों का आइसोलेशन वार्ड तैयार जागरण संवाददाता गया
गया । राज्य सरकार ने कोरोना संकट से निपटने को लेकर बिहार के तीन मेडिकल अस्पतालों को कोरोना के लिए विशेष अस्पताल बनाने की घोषणा की है। छह अप्रैल को हुई इस घोषणा के बाद से गया जिले का मगध मेडिकल अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। पॉजिटिव मरीजों की सेवा में लगे अस्पताल कर्मियों को संक्रमण से बचाने की भी बड़ी जिम्मेदारी है। इन जिम्मेदारियों को निभाने में मेडिकल के दक्ष चिकित्सकों से लेकर दूसरे मेडिकल स्टाफ की भूमिका अहम होगी।
मगध मेडिकल के आइसोलेशन वार्ड में पहुंचे पॉजिटिव मरीज को अलग-अलग श्रेणियों में बांटकर रखा जाएगा। इसके लिए लेबल वन, टू व थ्री श्रेणी बनाई गई है। पॉजिटिव मरीज की जैसी स्थिति होगी उस अनुरूप उन्हें संबंधित वार्ड में भर्ती लिया जाएगा। इस तरह की तैयारी मेडिकल की ओर से की गई है। गंभीर रूप से पॉजिटिव मरीजों की जान बचाने के लिए वेंटिलेटर पर रखा जाएगा। इसके लिए अस्पताल के ट्रामा सेंटर में लेबल थ्री बनाया गया है। वहां हर तरह की सुविधाएं बहाल रखने का दावा अस्पताल के अधीक्षक की ओर से किया गया है।
मेडिकल अस्पताल आए सभी पॉजिटिव मरीजों का यथासंभव इलाज किया जाएगा। कोरोना की अभी कोई खास दवा इजात नहीं हो सकी है। बावजूद जो भी एंटी वायरल ड्रग डब्ल्यूएचओ की ओर से निर्देशित किए गए हैं वह मरीजों को दी जाएगी। साथ ही वेंटिलेटर जैसी सुविधाएं तत्काल मुहैया कराई जाएगी। मगध मेडिकल अस्पताल की बात करें तो अभी एनेस्थीसिया के 10 एक्सपर्ट चिकित्सक हैं। वहीं मेडिसिन में 13 दक्ष चिकित्सक हैं। इनके अलावा जूनियर डॉक्टर संबंधित विभागों में कार्य करते हैं। कोरोना के पॉजिटिव मरीजों की यदि तबीयत ज्यादा बिगड़ती है तो इन सबकी भूमिका अहम हो जाएगी।
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500 पल्स ऑक्सीमीटर
की मांग की गई : अधीक्षक
मगध मेडिकल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि कोरोना अस्पताल बनाए जाने के बाद सभी तरह की सुविधाओं को अपडेट किया जा रहा है। विभाग से 500 पल्स ऑक्सीमीटर की मांग की गई है। मेडिकल अस्पताल में अभी 12 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। ज्यादातर वेंटिलेंटर को लेबल थ्री के लिए ट्रॉमा सेंटर में चालू हालत में रखा गया है। यहां पॉजिटिव मरीज के लिए हर तरह की जीवन रक्षक दवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है।
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हर लेबल के लिए अलग-अलग चिकित्सकों को जिम्मेवारी
मेडिकल अस्पताल में पॉजिटिव मरीजों की देखभाल के लिए तीन लेबल की व्यवस्था की गई है। सभी में दो-दो डॉक्टर हर शिफ्ट में व वार्ड ब्वॉय, नर्स, पुरुष स्टाफ, सफाई कर्मी, वार्ड अटेंडेंट को लगाया गया है। आइसोलेशन वार्ड में जिन भी कर्मियों को डयूटी पर लगाया गया है उन सबको पीपीई किट पहनना अनिवार्य किया गया है।
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पॉजिटिव मरीजों
के लिए तैयारी
लेबल वन : यहां वैसे संक्रमित मरीज रहेंगे, जिनकी जांच में पॉजिटिव रिपोर्ट है लेकिन भर्ती के समय कोई खास तकलीफ नहीं हो रही है।
लेबल टू : यहां वैसे संक्रमित मरीज रहेंगे जिनकी जांच में पॉजिटिव रिपोर्ट है और बीमारी से संबंधित कुछ-कुछ लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं
लेबल थ्री : यहां वैसे संक्रमित मरीज रहेंगे जिनकी जांच में पॉजिटिव रिपोर्ट है और बीमारी गंभीरू रूप अख्तियार कर चुकी है
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सरकार के निर्देशानुसार हर तरह की तैयारी मेडिकल के आइसोलेशन वार्ड में की जा रही है। हर लेबल के वार्ड में डॉक्टरों को ड्यूटी दी गई है। चिकित्सीय उपकरण कुछ हैं। कई उपकरणों की मांग विभाग से किया गया है।
डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद, अधीक्षक, मगध मेडिकल अस्पताल
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