विदेशी बौद्ध मंदिरों में अभी लटके हैं ताले, नहीं हुआ फैसला
फोटो- 71 -महाबोधि के बाद अलग-अलग देशों के बौद्ध मंदिरों को खोलने के संबंध में नहीं हुआ कोई निर्णय -इंटरनेशनल बुद्धिस्ट काउंसिल के पदाधिकारियों ने कहा जल्द होगी बैठक बनेगी रणनीति -मंदिरों के प्रबंधकों का तर्क बोधगया में बने क्वारंटाइन सेंटरों के बंद होने पर ही खुले मंदिर -------------- जागरण संवाददाता बोधगया
गया । बौद्ध धर्मावलंबियों की आस्था का प्रमुख केंद्र विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर के पट तो बुधवार को आम श्रद्धालुओं के लिए खुल गए, लेकिन बुद्धभूमि पर स्थित विभिन्न देशों के बौद्ध मंदिरों के पट अभी भी बंद हैं। इन मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए खोलने की भी कोई सुगबुगाहट नहीं है। हालांकि बंद मंदिरों के अंदर पहले की तरह रोज बौद्ध भिक्षु पूजन-अर्चन व सूत्त पाठ कर रहे हैं। कहते हैं मंदिर प्रभारी
तिब्बत मंदिर प्रभारी लामा अमजी कहते हैं, मंदिर के पट लोगों के दर्शन के लिए खोलने को इंटरनेशनल बुद्धिस्ट काउंसिल की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। काउंसिल के पहल करने और दिशा-निर्देश तय होने के बाद ही मंदिर के पट खुलेंगे। वे कहते हैं, विश्वदाय धरोहर खुलने से विदेशी बौद्ध मंदिरों में रहने वाले बौद्ध लामा व भिक्षुओं को सुकून मिला है। लोग अपनी-अपनी मोनॉस्ट्री से सुबह या शाम में सुविधानुसार पूजा कर रहे हैं। कहते हैं काउंसिल के महासचिव
अब विदेशी मंदिरों के पट खोलने का जल्द ही निर्णय होगा। इसके लिए शीघ्र बैठक बुलाई जाएगी। संभावना है कि एक-दो दिन में सभी मंदिरों के पट खुल जाएंगे। सभी मंदिर के प्रभारियों से संपर्क किया जा रहा है। उन लोगों ने कहा है कि बोधगया में क्वारंटाइन सेंटर हैं। जहां ठहरने वाले प्रवासी बाहर घूमते हैं, इसलिए अभी मंदिर बंद हैं। क्वारंटाइन सेंटर बंद होने पर मंदिरों के खुलने की संभावना है। मंदिर खुलने से बाजार में आने लगी रौनक :
बुधवार से महाबोधि मंदिर का पट खुलने के बाद बाजार में रौनक आने लगी है। गुरुवार को मंदिर के आसपास की इक्का-दुक्का फुटपाथी दुकानें भी खुलीं। व्यवसायी अपनी दुकानों की सफाई करते दिखे। सुबह व शाम में मंदिर के समीप फूल बेचने वाले भी जुटने लगे हैं। हालांकि अभी देशी व विदेशी पर्यटकों का आवागमन बंद है। कई देशों के हैं बौद्ध मंदिर :
अंतरराष्ट्रीय पर्यटनस्थल बोधगया में विश्व के विभिन्न बौद्ध देशों के मंदिर हैं, जिसकी कलाकृति सहज ही पर्यटकों को आकर्षित करती है। इसमें भारत, श्रीलंका, तिब्बत, जापान, भूटान, थाईलैंड, बांग्लादेश, चीन, म्यांमार, नेपाल, ताइवान, वियतनाम व कंबोडिया आदि देश शामिल हैं।