Weather News: गया में देर रात खूब बरसा बदरा, गरज के साथ झमाझम बारिश से मौसम हुआ सुहाना
गया में शुक्रवार रात 12 बजे से आधा घंटा तक बादलों की गरज के बीच अच्छी बारिश हुई। किसानों का मानना है कि च्छी बरसात से आम का फल पुष्ट होगा। उसकी मिठास भी बढ़ेगी। साथ ही गरमा मूंग को भी फायदा पहुंचा है।
गया, जागरण संवाददाता। गया जिले में बीते दो दिनों से मौसम सुहाना बना हुआ है। मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार आसमान में हल्के बादल छाए हैं। इसके साथ ही जगह-जगह बादलों की गर्जना के साथ बूंदाबांदी हुई है। शुक्रवार देर रात करीब 12 बजे अचानक से गया शहर में बादल जोर-जोर से गरजने लगे। देखते ही देखते करीब आधा घंटा तक झमाझम बरसात हुई। इस बारिश ने एक और जहां जिले के अधिकतम तापमान को 3 से 4 डिग्री तक नीचे गिराया। आम जनों को गर्मी से भी काफी राहत मिली है। आज अधिकतम तापमान 37 व न्यूनतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। शुक्रवार की रात में हुई बारिश की वजह से अहले सुबह लोगों को हल्की ठंडक महसूस हुई। आसमान में हल्के बादल छाए हुए हैं। वहीं हल्की- हल्की हवा भी चल रही है। इस बीच सुबह 7 बजे तक धूप भी निकल आई है। मौसम में आए बदलाव और बारिश को लेकर कृषि विभाग के अधिकारी भी इसे अच्छा बतला रहे हैं। किसान भी प्रसन्न हैं।
मूंग की खेती को मिला पानी, बेहतर होगा विकास
गेहूं की कटनी के बाद खेतों में अभी गरमा मूंग की फसल लगी है। बारिश से फसल को काफी फायदा हुआ है। मूंग के पौधों के विकास करने में यह बारिश फायदा पहुंचाएगी। जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो ने कहा कि रबी फसलों की कटनी हो चुकी है। गेहूं समेत तमाम दलहन कटकर खेत खलिहान से किसानों के घर अथवा गोदाम मंडियों में जा चुके हैं। अभी की बरसात से खेती पर कोई नुकसान नहीं हुआ है। बल्कि फायदा ही होगा।
फलों का राजा आम और होगा रसदार बढ़ेगी मिठास
अभी जो बारिश हुई है उससे आम, जामुन जैसे फलों में मिठास आएगी। इन लों का विकास भी होगा। इससे किसानों को फायदा ही होने वाला है। उन्होंने कहा कि इस समय जब बारिश होती है तो आम अधिक मीठा होता है। इस लिहाज से अभी की बारिश फायदेमंद है। इसके साथ ही गया जिले में बड़े पैमाने पर गरमा मूंग की खेती की जाती है। जिले में करीब 22 से 23 हजार हेक्टयर में मूंग लगाई जाती है। अभी जिन भी जगह पर यदि अच्छी बारिश हो गई है तो उस पानी से मूंग के खेतों में पटवन हो गया है। यह भी किसानों के लिए फायदेमंद है। गरमा मूंग से किसानों के घर खाने के लिए मूंग की दाल उपलब्ध हो जाती है। वही मूंग की लतड़ मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक होते हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन पाए जाते हैं।