रौशन हुआ दरबार बेटियों के लिए जले दीपों से
संवाद सूत्र, बाराचट्टी : सूरज जैसे ही ढलने को हुआ, दरबार गांव में दीप सजने लगे। दिवाली के म
संवाद सूत्र, बाराचट्टी : सूरज जैसे ही ढलने को हुआ, दरबार गांव में दीप सजने लगे। दिवाली के मौके पर जल रहे ये दीप खास थे। ये दीप बेटियों के लिए जलाए गए। इस अहसास के साथ घर की लक्ष्मी उनकी लाडो ही है।
दैनिक जागरण का लक्ष्मी मेरी लाडो गुरुवार से शुरू हो गया। अब दिवाली तक हर जगह लोग बेटियों के लिए दीप जलाएंगे। दरबार गांव में लोग उत्साह के साथ दीप लेकर निकले। यहां का नजारा देखते बनता था। खास तौर से महिलाओं का उत्साह चरम पर था। वे एक साथ बेटियों के लिए दीप जला रही थीं। दीपों की इस रोशनी में गांव रोशन हुआ तो यह बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश था। गाव के युवक भी अपने को अलग नही रख सके। भी मिट्टी से बने दीये को जलाकर बहनों के प्रति अपना सम्मान प्रकट किया।
चांदनी फेडरेशन की अध्यक्ष रिंकू कुमारी ने भी अपने समूह की महिलाओं के साथ कार्यक्रम में शिरकत की। विद्यालय परिसर में जगमग दीप एक अलग छटा बिखेर रहे थे। बच्चियों द्वारा बनाई गई आकर्षक रंगोली के बीच रौशन हो रहे दीप नवविहान का संदेश दे रहा था।
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संसार की बेटी मेरी लक्ष्मी है
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स्ासार की बेटी मेरी लक्ष्मी है। इनको सम्मान व सुरक्षा देना समाज के सभी लोगों का कर्तव्य है। बेटियों का विवाह कम उम्र में नही करें। इस बात की शपथ हम सभी आज लेते हैं।
रिंकू कुमारी, अध्यक्ष, चांदनी फेडरेशन, बाराचट्टी
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इतनी उम्र हो गई। कभी भी गाव के लोगों ने एकसाथ दिवाली नहीं मनाई। चाहे मायका हो या ससुराल। आज दैनिक जागरण ने हम लोगों के बीच आकर एकता और बेटियों के लिए जो संदेश दिया, वह सराहनीय है। अच्छा लगा कि कम से कम हम गाव के सभी लोग बेटियों के लिए एक जगह इकट्ठे हुए।
¨रकू कुमारी, ग्रामीण
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बेटी सृष्टि की जननी है बेटी के बिना समाज अधूरा है। प्रत्येक माता-पिता को चाहिए कि जैसे बेटों के जन्म लेने पर खुशी मनाते हैं, उसी तरह बेटियों के जन्म पर भी खुशियां मनाएं। आज अपने परिवार व गाव वालों के साथ दिवाली मनाने का जो मौका दैनिक जागरण ने दिया है, उससे अभिभूत हूं।
सरस्वती देवी
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जब सुना कि आज दैनिक जागरण का कार्यक्रम है और इसमें सभी को बेटियों के लिए दीप जलाना है तो मन पुलकित हो गया। रंगोली बनाई औरघर से मिट्टी के दीये लेकर आए। इस वर्ष की दिवाली कुछ खास होगी, यह सोचा भी नहीं था।
कुमारी प्रतिमा प्रकाश
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हर गाव में इस अंदाज में दिवाली मनाने की पहल सभी को करनी चाहिए। एकसाथ गांव के लोगों ने इस प्रकाश पर्व को मनाया। यह कभी न सोचा था और न देखा था। वह भी बेटियों के लिए। दैनिक जागरण की यह पहल सराहनीय है।
कुमकुम देवी