कृषि कानूनों के खिलाफ बिहारियों का समर्थन मांगने पहुंचे टिकैत, कहा-यह क्रांतिकारियों की भूमि
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो तीनों कृषि कानून लागू किया है वह काॅरपोरेट घरानों के लिए लाभदायक है। वे रोहतास के करगहर में किसान महापंचायत में बोल रहे थे। कहा कि हक के लिए किसानों को एकजुट होना पड़ेगा।
करगहर (रोहतास), संवाद सूत्र। केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून किसान विरोधी एवं कारपोरेट घरानों के लिए लाभदायक हैं। केंद्र सरकार काॅरपोरेट घरानों के सामने सारे जमीन को गिरवी रखना चाहती है। लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे। ये बातें करगहर प्रखंड मुख्यालय स्थित जगजीवन स्टेडियम में गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में आयोजित किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कही।टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये किया है, लेकिन आज 1600 रुपये में खरीद की जा रही है। काॅरपोरेट घराने के लोग 20-20 लाख टन अनाज अपने गोदामों में रखते हैं एवं उसे महंगे दाम पर बेचकर काफी मुनाफा कमाते हैं। किसानों को आंदोलन में शामिल होने के लिए अपील करते हुए कहा कि अगर देश के सभी किसान जागरूक नहीं हुए तो आने वाली पीढ़ी उन्हें कभी माफ नहीं करेगी।
क्रांतिकारियों की धरती है बिहार
उन्होंने कहा कि बिहार क्रांतिकारियों की धरती रही है। 1942 में गांधी ने पश्चिम चंपारण से अंग्रेजों के खिलाफ असहयोग आंदोलन की शुरुआत की थी। 1977 में लोकनायक जयप्रकाश ने आंदोलन कर केंद्र सरकार को गिरा दिया था। जब तक बिहार यूपी सहित देश के सभी किसान एकजुट नहीं होंगे तब तक मोदी सरकार किसानों के हित में कुछ भी नहीं कर सकती है। जब तक तीनों कानून वापस नहीं हो जाते, देश के कोने-कोने में जाकर किसानों को आंदोलन में शामिल होने के लिए अपील करेंगे।
कई राज्यों के प्रतिनिधि हुए शामिल
कार्यक्रम की अध्यक्षता किसान महासंघ के संस्थापक रमाशंकर सरकार व संचालन नीरज कुमार ने किया। महापंचायत में पंजाब के भङ्क्षटडा से सरदार सुखदेव सिंह, मलसा से सरदार मान सिंह, केरल से जोसेफ जैकम, यूपी से लागू देसाई के अलावा गया से उपेंद्र नारायण सिंह, पटना से कंचन बाला, डॉ. ठाकुर रविंद्र नाथ सिंह, राजाराम गुप्ता, कामेश्वर सिंह, जय गोपाल यादव, मनोज यादव, काशी चौबे, लोकेश कुमार राय, सत्येंद्र सिंह, उमेश शर्मा, राजवीर सिंह चौहान, राजेश सिंह, मनजीत सिंह, अनुज चौधरी, राजेंद्र सिंह, उपेंद्र सिंह, विजय बहादुर सिंह, जय गोपाल यादव, विजय प्रकाश, दाऊजी पटेल, पवन सिंह, विजेंद्र सिंह समेत अन्य ने भी अपना विचार व्यक्त किया।