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जिले के 11 एकड़ भूमि में खेसारी उपजाने की योजना

संवाद सूत्र, मानपुर : जिले के 24 प्रखंड में 11 एकड़ भूमि में खेसारी की फसल उपजाने की या

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 06:55 PM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 06:55 PM (IST)
जिले के 11 एकड़ भूमि में  खेसारी उपजाने की योजना
जिले के 11 एकड़ भूमि में खेसारी उपजाने की योजना

संवाद सूत्र, मानपुर : जिले के 24 प्रखंड में 11 एकड़ भूमि में खेसारी की फसल उपजाने की योजना बिहार कृषि विश्व विद्यालय सबौर भागलपुर द्वारा बनाई गई। कृषि विज्ञान केंद्र मानपुर से किसानों को रतन एवं प्रतीक प्रजाति बीज उपलब्ध कराया जा रहा है।

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अधिक नमी, जल जमाव एवं सूखी खेत में भी खेसारी की अच्छी उपज होती है। सूखाग्रस्त इलाके के किसानों के लिए खेसारी की खेती करना काफी उपयुक्त होगी।

कैसे होती है खेती

खेत में लगी धान में ही खेसारी का बीज छींट देते हैं। धान की कटाई होने के बाद खेसारी के पौधे तेजी से बढ़ने लगते हैं। कुछ किसान धान कटने के बाद खेत की जोताई कर भी खेसारी बीज को लगाते हैं।

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6 क्विंटल प्रति एकड़ उपज

कम पूंजी और मेहनत के बाद भी खेसारी की अच्छी उपज होती है। रतन 105 दिन तो प्रतीक 110 दिन में तैयार हो जाता है। एक एकड़ भूमि में 30 किलो खेसारी बीज की जरूरत होती है। इसकी उपज प्रति एकड़ 6 क्विंटल होती है।

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क्या कहते हैं वैज्ञानिक

वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार का कहना है कि कृषि विज्ञान केंद्र मानपुर से किसानों को खेसारी का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। खेसारी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।


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